नालंदा : ज्ञान सरोवर आवासीय विद्यालय के 20 विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा में मारी बाजी

नालंदा बिहार बिहारशरीफ

बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। बिहारशरीफ-गिरियक हाइवे पर स्थित महानंदपूर गांव के समीप स्थित ज्ञान सरोवर आवासीय विद्यालय आज शिक्षा के क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहा है। विद्यालय के कुल 20 विद्यार्थियों ने अपनी कड़ी मेहनत एवं विद्यालय से मिले सकारात्मक मार्गदर्शन के बदौलत विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में बड़ी सफलता अर्जित की है। यहां के विद्यार्थी सैनिक स्कूल तिलैया, सिमुलतला, जवाहर नवोदय विद्यालय राजगीर, जवाहर नवोदय विद्यालय, सिमरिया, नेतरहाट विद्यालय एवं लुधियाना के गुरुकुल विद्यालय की परीक्षा बेहतर अंको से उत्तीर्ण की है।

निदेशक प्रवेद्र कुमार कहते हैं कि अनुशासन एक क्रिया है जो अपने शरीर, दिमाग और आत्मा को नियंत्रित करता है और परिवार के बड़ों, शिक्षकों और माता-पिता की आज्ञा को मानने के द्वारा सभी कार्य को सही तरीके से करने में मदद करता है। ये एक ऐसी क्रिया है जो अनुशासन में रह कर हर नियम-कानून को मानने के लिये हमारे दिमाग को तैयार करती है।

विद्यालय के प्राचार्य राजू कुमार

बच्चों को मानसिक रूप से कराया जाता है तैयार ज्ञान सरोवर आवासीय विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को शिक्षा के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जाता है एकता समय से बच्चों को बांधा जाता है समय के हिसाब से उन्हें शिक्षा दी जाती है विद्यालय के प्राचार्य राजू कुमार प्रत्येक दिन बच्चों को नई नई टिप्स देते हैं। प्रत्येक दिन प्रातः काल 3:30 बजे आवासीय विद्यालय के छात्रों को बिछावन छोड़ देना होता है।

क्रिया कर्म से निवृत्त होकर प्रातः काल 4:00 से 6:30 बजे तक बच्चे पढ़ाई करते हैं। प्रातः के 8:00 बजे से 12:00 बजे तक यहां के शिक्षक बच्चों का क्लास लेते हैं। पुनः 12:30 बजे से संध्या के 4:30 बजे तक शिक्षक विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करवाते हैं प्रत्येक सप्ताह में दो बार विद्यार्थियों का लिखित टेस्ट लिया जाता है। वर्ष 2016 मैं विद्यालय की रखी गई थी नींव विद्यालय के निदेशक रवींद्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2016 से विद्यालय की नींव रखी गई थी।

इसके पीछे विद्यालय प्रबंधन की सोच थी कि मेधावी छात्र- छात्राओं को बेहतर शिक्षा से जोड़ कर उनका भविष्य उज्जल बनाया जाए। कुछ ऐसी ही सकारात्मक सोच को साथ में लेकर विद्यालय के निदेशक ने अपना प्रयास शुरू किया और उन्हें इसमें भरपूर सफलता भी मिली। वह कहते हैं कि जहां अनुशासन होता है, वहां कठिन से कठिन कार्य भी आसान हो जाता है।

बच्चों को बुद्धिजीवी, संस्कारी एवं इमानदार बनाने की सीख दी जाती है उन्हें बताया जाता है कि झूठ से भविष्य की नींव खड़ी कभी भी नहीं हो सकती है, सत्य की राह पर चलकर ही आप अपने भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं। इन बच्चों का हुआ चयन : सहज संवेग, विवेक कुमार, रितिक राज प्रिंस राज,साहिल कुमार, हिमांशु कुमार, ऋषभ कुमार, अंकित राज, आयुष राज, आदित्य राज, अमित कुमार, प्रिंसी पटेल, सेजल कुमारी, शिवानी कुमारी, रूपा कुमारी, उन्नति सिन्हा, दिलीप गंजू, नीतू कुमार आदि शामिल हैं।

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