माइक्रो फाईलेरिया की दर जानने के लिए लैब टेक्नीशियन को किया गया प्रशिक्षित
Biharsharif/Avinash pandey: अक्टूबर- बिहार से फाईलेरिया उन्मूलन के लिए अब स्वास्थ्य विभाग जिला ही नहीं, बल्कि प्रखंड स्तर पर एक विशेष रणनीति बनाकर काम कर रहा है। प्रदेश में कार्यरत सभी सीएचओ अब फाईलेरिया उन्मूलन अभियान में सहयोग करेंगे| राज्य में हाल के दिनों में सभी प्रखंडों में कम्युनिटी हेल्थ आफिशियल्स ;सीएचओ बहाल किए गए थे। अतः जिले के सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। अब इस मुहिम में सभी कम्युनिटी हेल्थ आफिशियल्स अपनी-अपनी शत-प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित करेंगे। इन कार्यों के लिए इन्हें जल्द प्रशिक्षित करने का निर्देश जाएंगे। ताकि, प्रदेश से फाईलेरिया बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके। इसीलिए बीते माह राज्य के सभी भेक्टर बोर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी को प्रखंड स्तर पर होने वाले रात्रि रक्त पटृ संग्रहण ; नाइट ब्लड सर्वे को लेकर पटना में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला में कई सुझाव दिए गए थे। जिसका क्रियान्वयन सभी जिला को करना है। इस अभियान में जिन-जिन कर्मियों की सहभागिता होगी, उन कर्मियों को प्रशिक्षित व कार्य में लगाए जाने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र के द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
पहली बार प्रखंड स्तर पर बनाई गई रणनीति
ज्ञात हो कि राज्य से फाईलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के लिए पहली बार प्रखंड स्तर पर रणनीति अपनाई जा रही है। दरअसल, प्रखंड स्तरीय बेसलाइन डाटा बनाने के लिए प्रस्तावित रात्रि रक्त सर्वेक्षण की जरूरत पड़ी। चूंकि लाइन-लिस्टिंग इस गतिविधि का आधार है। इसलिए इसकी समीक्षा व प्रस्थापना उच्च स्तर पर की जाय। क्योंकि प्रखंड स्तर पर एलएफ मरीजों की लाइन-लिस्टिंग के लिए सभी जिला को निर्देश किया गया है कि इसकी सूचना समय पर राज्य कार्यालय को भेज दें। इस लाइन लिस्टिंग कार्य हेतु आशा या जीविका तथा आंगनबाड़ी को भी साथ में रहकर आवश्यकतानुसार सहयोग लिया जाएगा। ताकि समय से लाइन-लिस्टिंग के कार्य को पूरा किया जा सके।
लैब टेक्नीशिन की भूमिका होगी अहम
प्रखंड स्तर पर एनबीएस के द्वारा माइक्रो फाईलेरिया की दर को जानने की प्रक्रिया में प्रशिक्षित लैब टेक्नीशिन की भूमिका अहम होगी। क्योंकि प्रशिक्षण के बाद प्रखंड व शहरी क्षेत्र में उपलब्ध लैब टेक्नीशिन की सक्रियता व भागीदारी अभियान में अहम हो जाती है। इसके अलावा जिन प्रखंड या शहरी क्षेत्रों में लैब टेक्नीशिन नहीं हैं। वहां पर ;नाइड ब्लड सर्वेद्ध एनबीएस गतिविधि के दौरान आवश्यकतानुसाार भागीदारी हेतु उनकी नियुक्ति किया जाएगा।
जिलाधिकारी को कार्यक्रम की प्रगति से कराएं अवगत
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने पत्र के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सभी जिलों की यह जिम्मेदारी होगी कि उक्त कार्यक्रम के बारे में अपने जिले के जिलाधिकारी को अवगत कराएं। साथ ही जरूरत पड़ने पर उनका मार्गदर्शन भी प्राप्त कर सकते हैं। ताकि राष्ट्रीय फाईलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को शत-प्रतिशत सफल बनाया जा सके। इसके अलावा राज्य के सभी जिलों के असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को भी निर्देशित किया गया है कि, जिन जिलों में एमडीए की गतिविधि नहीं हो रही है। वहां भी फाईलेरिया संदेहास्पद मरीजों को चिहिन्त कर लाइन-लिस्टिंग हेतु आशा कार्यकर्ता को लगाया जाय।