— आवेदकों की मौजूदगी में बैंकर्स के साथ की बैठक
बिहारशरीफ/ अविनाश पांडेय: जिला में बिचाली व्यवसाय एवं अन्य कृषि सहयोगी व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए लगातार पहल किया जा रहा है। पूर्व में बिचाली व्यवसाय के इच्छुक लोगों को सूचीबद्ध किया गया था। इस क्रम में लगभग 200 लोगों को चिन्हित किया गया था। टाउन हॉल में आयोजित कार्यशाला के माध्यम से 123 लोगों से फीडबैक फॉर्म प्राप्त किया गया था।
इन लोगों द्वारा व्यवसाय करने व बढ़ाने के लिए डीपीआर के साथ बैंकों को आवेदन दिया जा रहा है। अब तक 87 लोगों द्वारा डीपीआर तैयार कर विभिन्न बैंक को उपलब्ध कराया गया है। इंडियन बैंक में 6, बैंक ऑफ इंडिया में एक, केनरा बैंक में 7, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 3, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक में 20, आईसीआईसीआई में एक, पंजाब नेशनल बैंक में 26, भारतीय स्टेट बैंक में 15, यूको बैंक में एक, फिनो पेमेंट बैंक में एक तथा यूनियन बैंक में 6 डीपीआर आवेदन जमा कराया गया है। शनिवार को उपविकास आयुक्त वैभव श्रीवास्तव ने सभी आवेदकों एवं बैंकर्स के साथ इस संबंध में हरदेव भवन सभागार में बैठक की।
बैंकों को समर्पित किए गए एक-एक डीपीआर की समीक्षा की गई। बताया गया कि इंडियन बैंक द्वारा 3, पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 10, भारतीय स्टेट बैंक द्वारा 4 तथा यूनियन बैंक द्वारा 2 आवेदनों की स्वीकृति दी जा चुकी है। कुछ बैंकर्स द्वारा बताया गया कि कुछ व्यवसाई, जो किसी अन्य व्यक्ति की जमीन लीज पर लेकर व्यवसाय कर रहे हैं, उनके डीपीआर के साथ संबंधित भूस्वामी के साथ किराया से संबंधित इकरारनामा का दस्तावेज संलग्न नहीं होने के कारण स्वीकृति में कठिनाई हो रही है। उप विकास आयुक्त ने ऐसे सभी आवेदकों को अविलंब किराए से संबंधित इकरारनामा की प्रति उपलब्ध कराने को कहा।
उपविकास आयुक्त ने एक मॉडल डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया। इसके लिए उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता बैंकिंग एवं जिला अग्रणी प्रबंधक को भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक तथा दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के क्रेडिट मैनेजर के साथ बैठक कर मोडल डीपीआर तैयार कराने का निर्देश दिया।
जिन बैंकों द्वारा आवेदनों को स्वीकृत किया गया है, उन्हें संबंधित लाभुक को प्रोविजनल सैंक्शन लेटर निर्गत करने को कहा गया। साथ ही स्वीकृति पत्र की एक प्रति जिला कृषि कार्यालय को भी उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया। सभी बैंकों को स्पष्ट रूप से कहा गया कि समर्पित किए गए डीपीआर के अनुरूप ही ऋण की स्वीकृति दें, अंडर फिनांस नहीं करें। सभी उपस्थित व्यवसायियों को अपने कारोबार से संबंधित अनऑडिटेड बैलेंस शीट भी तैयार करने को कहा गया। इसमें जिला कृषि पदाधिकारी को आवेदकों को आवश्यक सहयोग करने का निर्देश दिया गया।
आज की बैठक में कैनारा बैंक के कोई भी प्रतिनिधि उपस्थित नहीं थे। जिसको लेकर उप विकास आयुक्त ने गहरी नाराजगी व्यक्त की तथा स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया। सभी प्रखंडों के प्रखंड कृषि पदाधिकारी संबंधित प्रखंड के आवेदनों पर संबंधित बैंकों के माध्यम से अंतिम कार्रवाई सुनिश्चित होने तक संबंधित प्रखंड के लिए नोडल पदाधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। बैठक में एलडीएम, जिला कृषि पदाधिकारी, विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि एवं व्यवसायीगण उपस्थित थे।
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