- राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने दी जानकारी
बिहारशरीफ, अविनाश पांडेय। राज्य के सभी जिले में मातृ मृत्यु दर एवं प्रजनन दर को कम करने के लिए 11 से 31 जुलाई तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा चलाया जा रहा है। वहीं, बाल मृत्यु दर में कमी लाने के लिए 15 से 30 जुलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा संचालित किया जा रहा है। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने बताया कि दोनों पखवाड़ों के सघन मूल्यांकन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलावार राज्य स्तरीय टीम गठित की गयी है। मूल्यांकन के जरिए पखवाड़े की प्रभावशीलता एवं इसके प्रति आम जागरूकता का पता लगाया जाएगा। वहीं, स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा पखवाड़े को लेकर की गयी तैयारी एवं क्रियान्वयन की उचित जानकारी भी प्राप्त होगी।
हर स्तर पर किया जायेगा मुल्यांकन
कार्यपालक निदेशक ने बताया कि दोनों अभियान की 15 जुलाई से 25 जुलाई तक गठित टीम द्वारा अनुश्रवण एवं मूल्यांकन किया जाएगा। सघन दस्त नियंत्रण पखवाडा का जिला मुख्यालय, सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं एक गांव का मूल्यांकन विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा । जबकि, परिवार नियोजन सेवा पखवाडा का सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं गांव स्तर पर मूल्यांकन किया जाएगा।
घर घर जाकर किया जायेगा लाभार्थियों से संपर्क
कार्यपालक निदेशक ने बताया कि सघन दस्त पखवाड़ा के दौरान आशा अपने पोषक क्षेत्रों में शून्य से लेकर 5 साल तक के बच्चों के बीच ओआरएस पावडर पाउच का वितरण करेगी। परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा दौरान स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों के बारे में जानकारी दे रही है, ताकि अधिक से अधिक दंपत्ति इसका लाभ उठा सकें। आशा कार्यकर्ता भी परिवार नियोजन के विभिन्न स्थाई साधनों के बारे में जानकारी दे रही हैं।
कार्यपालक निदेशक ने बताया कि दोनों पखवाड़ा बाल एवं मातृ मृत्यु की रोकथाम में काफ़ी असरदार साबित हो सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए दोनों पखवाड़े के मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पर जोर दिया जा रहा है। आम समुदाय के लिए कई स्वास्थ्य कार्यक्रम राज्य में चलाए जा रहे हैं। विभाग सभी कार्यक्रमों का लाभ समुदाय के सबसे आखिरी व्यक्ति तक पहुँचाने के प्रयास में जुटा है। इस उद्देश्य की प्राप्ति में स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं अभियान का सघन अनुश्रवण एवं मूल्यांकन मददगार साबित होगा।