बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। बेहतर चिकित्सीय प्रबंधन द्वारा सुरक्षित मातृत्व की ओर अग्रसर होने के दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई कदम उठाये जा रहे हैं। सुरक्षित प्रसव द्वारा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए विभाग प्रयासरत है। इसी क्रम में सभी नवनियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ( सीएचओ ) का “सेफ डिलीवरी एप” एवं एचआरपी पर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जायेगा।
इस सन्दर्भ में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, मातृ स्वास्थ्य, डॉ. सरिता ने सभी सिविल सर्जन को पत्र जारी कर आवश्यक दिशानिर्देश जारी किये हैं। राज्य स्वास्थ्य समिति, जपैयगो एवं मैटरनिटी फाउंडेशन द्वारा संचालित इस प्रशिक्षण को तिथिवार तीन बैचों में दिया जायेगा।
28 अप्रैल को नालंदा के सभी सीएचओ होंगे प्रशिक्षित : जारी पत्र के अनुसार नालंदा जिले के सभी नवनियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारीयों को 28 अप्रैल को प्रशिक्षित किया जायेगा। जिले में क्रियाशील सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर ज़ूम लिंक द्वारा प्रशिक्षण संचालित किया जायेगा।
28 अप्रैल को नालंदा जिले के अलावा जमुई, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, कैमूर, नवादा तथा पटना जिले के सीएचओ अपने अपने जिलों के हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर प्रशिक्षित किये जायेंगे।
यह भी पढ़ें…
राज्य स्वास्थ्य समिति, जपैयगो एवं मैटरनिटी फाउंडेशन द्वारा संचालित किया जायेगा प्रशिक्षण : नवनियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारीयों का प्रशिक्षण राज्य स्वास्थ्य समिति, जपैयगो एवं मैटरनिटी फाउंडेशन द्वारा संचालित किया जायेगा। इस प्रशिक्षण में सामान्य प्रसव एवं शिशु जन्म, किसी भी तरह की जटिलता के लिए प्राथमिक प्रबंधन, नवजात शिशु में खतरे की संभावित लक्षणों की पहचान, रेफर करने की प्रक्रिया, उच्च जोखिम वाले प्रसव की पहचान, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की जानकारी तथा जन्म के समय नवजात की त्वरित देखभाल जिसमे बच्चे की साँसों का चलना, रक्त संचार आदि पर सभी नवनियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी प्रशिक्षित किये जायेंगे। सुरक्षित मातृत्व एवं मत्री स्वास्थ्य पर आगे की रणनीति प्रशिक्षण के समय राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, डॉ. अजय शाही द्वारा संपादित की जाएगी।