नालंदा,अविनाश पांडेय। देश मे कोरोना के नए वैरियंट ‘ ओमिक्रोन ‘ के बढ़ते प्रकोप के बीच सोमवार बड़े जोर-शोर से किशोरों को वैक्सीन देने का काम शुरू हुआ ।किशोरों में कोरोना रोधक वैक्सीन के प्रति उत्साह दिखा किन्तु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में स्वास्थ्य कर्मियों ने ऐसी लापरवाही दिखा दी कि लोगों का उत्साह तो ठंडा पड़ा ही , उनकी जान भी सांसत में पड़ गई।
हुआ यह कि स्वास्थ्य कर्मियों ने दो सगे भाइयों को वह वैक्सीन लगा दी जिसका अबतक बच्चों पर ट्रायल हुआ ही नहीँ है । किशोरों को कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड लगा दी। मामला खुलते ही परिजनों को अनहोंनी की चिंता सताने लगी। परिजनों द्वारा मामला उठाये जाने पर स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान बचाने के लिए कोविशील्ड की जगह कोवैक्सीन का सर्टिफिकेट कर दिया।
बिहार के अन्य हिस्सों की तरह नालन्दा में भी किशोर एवं किशोरियों को कोरोना से बचाव को लेकर टीका देने का काम शुरू हुआ। किन्तु स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का नतीजा दो किशोर भाइयों को भुगतना पड़ सकता है। नालंदा में दो किशोर भाइयों को कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड का वैक्सीन लगा दिया गया है। किशोर पियूष रंजन और आर्यन किरण हैं ।दोनों बिहार शरीफ के प्रोफेसर कॉलोनी का रहने वाले हैं। किशोर पीयूष रंजन ने बताया कि वह रविवार कोवैक्सीन का स्लॉट बुक करा सोमवार को 10 बजे के करीब नालंदा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र आईएमए हॉल गया था।
जहां सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उसने टीका लगवाया जिसके उपरांत पता चला कि उसे और उसके भाई को कोवैक्सीन की जगह कोवीशील्ड का टीका दे दिया गया है। जिसके बाद जब इस बारे में पूछा गया तो ऑपरेटर के द्वारा बताया गया कि कोविशील्ड लेने से कोई परेशानी नहीं होगी। किशोर के पिता प्रियरंजन कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है।
इस मामले में जब वह सीएस कार्यालय हैं तो उन्हें डेढ़ घंटे की ऑब्जर्वेशन में रखा गया और यह कह कर भेज दिया गया कि अगर कोई परेशानी होगी तो उनके घर मेडिकल टीम को भेज दी जाएगी । अब किशोर के माता-पिता को अनहोनी की चिंता सता रही है। उन्हें डर लग रहा है कि उनके बेटों को कुछ हो ना जाए। किशोर के पिता ने कहा कि एक तो वैक्सीन देने में लापरवाही बरती गई दूसरा जो सर्टिफिकेट जनरेट किया गया है उसमें भी कोविशील्ड की जगह कोवैक्सीन ही दर्शाया गया है।
स्वास्थ विभाग खुद को सुरक्षित और किशोर एवं किशोरियों को असुरक्षित करने में लगा हुआ है जब हम लोगों ने इसकी शिकायत की तो आनन-फानन में टीका देने वाले दोनों कर्मी को वहां से हटा दिया गया , इस पर क्या कार्यवाई हुई है उन्हें नहीं पता। सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी मिली है।
टीका देने वाले कर्मी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। दरअसल जो पूर्व में टीका दे रही थी , वह कोरोना पॉजिटिव हो गई थी। उसी की जगह पर नए जीएनएम के द्वारा यह गलती हुई है। किशोर के परिजनों को आश्वस्त कर दिया गया है। उन्हें स्वास्थ विभाग का नंबर उपलब्ध करा दिया गया है। किसी भी तरह की परेशानी होने पर 24 घंटे मेडिकल सेवा उनके लिए उपलब्ध करा दी गई है।