ल– उप परियोजना निदेशक आत्मा नालंदा अविनाश कुमार द्वारा रोपाई का किया गया जांच
Biharsharif/Avinash pandey: कृषि विभाग बिहार सरकार के फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए नालंदा जिले में चयनित प्रगतिशील किसानों के द्वारा मक्का, मिलेट्स एवं अन्य दलहनी फसलो की खेती की जा रही है। इसी क्रम में आत्मा नालंदा के द्वारा जिले के सभी बीस प्रखंडों में बेबी कॉर्न मक्का की उन्नत खेती विषय पर किसान पाठशाला का आयोजन कराने का निर्णय लिया गया है।
किसान पाठशाला के संचालक किसान को एडवांटा पी 321 प्रभेद का बीज आत्मा नालंदा के द्वारा उपलब्ध कराया गया है एवं उपलब्ध कराए गए बीज को किसानों के द्वारा खेतों में लगाया जा रहा है। बिहारशरीफ प्रखंड के मेघी नगमा पंचायत के प्रगतिशील किसान अखिलेश कुमार के द्वारा एक एकड़ से अधिक रकबे में बेबी कॉर्न की खेती की जा रही है।
उनके द्वारा अलग-अलग तिथियों को बेबी कॉर्न का रोपाई किया गया है। दिनांक 10 सितंबर को उनके द्वारा रोपनी किया गया। बेबी कॉर्न मक्का का जांच आज उप परियोजना निदेशक आत्मा अविनाश कुमार के द्वारा किया गया। जिसमें किसान के द्वारा बताया गया कि उन्होंने शून्य विधि (जीरो टिलेज विधि)से इस प्लॉट में बेबी कॉर्न मक्का लगाया है।
बिना किसी जुताई के किसान के द्वारा लगाया गया बीज का अंकुरण बहुत ही बेहतर है एवं पौधे का स्वास्थ्य भी अच्छा है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान प्रखंड तकनीकी प्रबंधक सुमन कुमार, कृषि समन्वयक मुकेश कुमार, एवं किसान सलाहकार अविनाश कुमार भी उपस्थित रहे। उप परियोजना निदेशक आत्मा नालंदा अविनाश कुमार के द्वारा उक्त प्रगतिशील किसान के खेत में आज हुई रोपाई का भी निरीक्षण किया गया।
किसान 45 * 20 सेंटीमीटर की दूरी को ध्यान में रखते हुए लाइन विधि से रोपाई कर रहे हैं एवं उनके इस प्लॉट में भी जुताई नहीं की गई है एवं इस प्लॉट में भी शून्य विधि से ही उन्होंने बेबी कॉर्न मक्का को लगाया है। जिले के किसानों के बीच बेबी कॉर्न एवं स्वीट कॉर्न मक्का की मांग बहुत ही तेजी से बढ़ रही है।
वहां उपस्थित किसानों को बताया गया की 15 दिन बाद फसल की निकाई गुराई का कार्य करेंगे एवं 25 वें दिन मक्का के जड़ की मिट्टी के पलटने का कार्य करेंगे साथ ही उर्वरक के अनुशंसित मात्रा भी खेतों में देंगे, किसान बेबी कॉर्न मक्का की खेती करके बहुत ही प्रसन्न है एवं उनके आसपास के किसान भी उनको देखकर प्रेरित हो रहे हैं।
कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल की दूरदर्शी सोच के परिणाम एवं जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को नालंदा जिले के किसानों के द्वारा जमीन पर उतारकर अन्य जिलों के किसान के लिए नाजिर प्रस्तुत की जा रही है।