नालंदा: जिले में प्रतिदिन 3940 मरीजों को मिलेगा टेलीमेडिसिन सेवाओं का लाभ

नालंदा

— ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवाओं को और बेहतर व प्रभावी बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध
— 5 कंसल्टेशन प्रति स्पोक के हिसाब से लक्ष्य का हुआ निर्धारण

Biharsharif/Avinash pandey: जिले में ई संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने की रणनीति पर अमल किया जा रहा है। टेलीमेडिसिन सेवाएं चिकित्सक व चिकित्सा संस्थान के बीच डिजिटल माध्यम से संपर्क स्थापित करते हुए रोगियों को बेहतर चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण जरिया है। इमसें सीनियर एएनएम को स्पोक व विशेषज्ञ चिकित्सकों को हब के रूप में चिह्नित किया गया है। स्पोक की मदद से मरीज वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये हब में बैठे चिकित्सकों से सीधे जुड़ कर अपनी समस्याएं रखते हैं। इसके बाद उन्हें विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जरूरी दवा व चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराया जाता है। पूर्व में ये सेवाएं सप्ताह में तीन दिन संचालित थी, जो अब रविवार को छोड़कर लोगों को हर दिन उपलब्ध हो रही है।

5 कंसल्टेशन प्रति स्पोक के हिसाब से लक्ष्य का हुआ निर्धारण
जारी निर्देश के अनुसार जिले में क्रियाशील सभी 788 स्पोक प्रतिदिन कम से कम 5 मरीजों को कंसल्टेशन के माध्यम से टेलीमेडिसिन सेवाओं को उपलब्ध करायेंगे। जिला में प्रतिदिन 3940 मरीजों को टेलीमेडिसिन सेवाओं को उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

टेलीमेडिसिन सेवाओं को बेहतर करने का प्रयास
सिविल सर्जन डॉ अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि विभाग अधिक से अधिक लोगों तक इस सेवा का लाभ पहुंचाने के लिये प्रतिबद्ध है। टेलीमेडिसिन सेवाओं का संचालन सुबह हर दिन निर्धारित अवधि तक सुनिश्चित कराने का प्रयास कराया जा रहा है। निर्धारित अवधि के दौरान हब के चिकित्सक उपलब्ध रहें ताकि उनसे आसानी से संपर्क संभव हो सके। उन्होंने हब के प्रदर्शन में नियमित सुधार लाने की बात कही ताकि सेवाओं का बेहतर संचालन संभव हो सके।

एक सप्ताह के अंदर प्रदर्शन में सुधार का लक्ष्य
सिविल सर्जन ने बताया कि ने बताया कि जिले में टेलीमेडिसिन सेवाओं के प्रदर्शन में सुधार को लेकर राज्य स्तर से जरूरी निर्देश प्राप्त हुए हैं। प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में एक सप्ताह के अंदर टेलीमेडिसिन सेवाओं से जुड़ी उपलब्धियों में सुधार का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी हब व स्पोक से सेवाओं के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों को दूर करने का प्रयास जारी है।