नालंदा: विश्व मलेरिया दिवस पर जिले भर में कार्यक्रमों के द्वारा जगायी गयी जागरूकता की अलख

नालंदा

— “टाइम तो डिलीवर जीरो मलेरिया: इन्वेस्ट, इनोवेट, इम्प्लीमेंट” है इस वर्ष की थीम
— सदर अस्पताल सहित जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चलाया गया जागरूकता अभियान

बिहारशरीफ/ अविनाश पांडेय: जिले भर में विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया. इस अवसर पर बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से जागरूकता का संदेश दिया गया. जिला सदर अस्पताल में भी स्वास्थ्यकर्मियों ने बैनर पोस्टर के माध्यम से लोगों के बीच जागरूकता का संदेश दिया.

जागरूकता एवं स्वच्छता का पालन कर मलेरिया से रहें सुरक्षित :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ राममोहन सहाय ने बताया कि स्वच्छता अपनाकर और जागरूक होकर मलेरिया के प्रकोप से सुरक्षित रहा जा सकता है. मलेरिया मच्छर गंदी जगहों पर ज्यादा उत्पन्न होते है. घर एवं घर के आसपास बने गड्ढों, नालियों, बेकार पड़े खाली डब्बो, पानी की टंकी , गमलो में पानी एकत्रित नही होने दें. यही पानी जमा हो तो उसमें मिट्टी तेल अवश्य डाले.

मलेरिया फैलाने वाला मच्छर किसी स्थान पर ठहरे हुए साफ पानी और धीमी गति से बहने वाली नालियों में अंडे देती है और वहां पर पनपती है. डॉ सहाय ने बताया कि सोते समय मच्छरदानी अथवा मच्छर भगाने वाले क्रीम या अगरबत्ती का प्रयोग करें. साथ ही मलेरिया से बचाव के लिए डीडीटी या एस.पी. छिड़काव में कर्मियों को सहयोग प्रदान करें।

सरकारी अस्पतालों में जांच और इलाज की निशुल्क व्यवस्था :
डॉ. सहाय ने बताया, मलेरिया बुखार होने पर पीड़ित व्यक्ति को नजदीकी सरकारी अस्पताल जाना चाहिए. खून की जांच में मलेरिया निकलने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए. सरकारी अस्पतालों में इसकी निःशुल्क जांच और इलाज की व्यवस्था है. मलेरिया इंस्पेक्टर चितरंजन कुमार ने बताया कि पूरे जिले में स्वास्थ्यकर्मियों का मलेरिया को लेकर उन्मुखीकरण किया गया है. आशा कार्यकर्ता, एएनएम का भी उन्मुखीकरण किया गया है.

सावधानी अपनाकर मलेरिया से करें अपने और अपनों की सुरक्षा :
मलेरिया से सुरक्षा के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी है। पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनें और सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसापस बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें। मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की तरफ से डीडीटी का छिड़काव कराया जाता है। छिड़काव कर्मियों के आने पर उनका सहयोग करें और छिड़काव की तिथि की जानकारी ग्रामीणों को दें।