Biharsharif/Avinash pandey : नालंदा बीजेपी के जिलाध्यक्ष ई. रविशंकर प्रसाद सिंह ने नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार द्वारा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि बिहार में महागठबंधन सरकार एक खास समुदाय के वोट के लालच में अंधी हो चुकी है। नालंदा सांसद का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। सीमांचल क्षेत्रों में ऐसे देशविरोधी तत्व बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं। परंतु वोट बैंक की राजनीति के तहत उन्हें संरक्षण प्रदान कर रही है। जबसे बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है, तबसे बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर है। बिहार की जनता अपराधियों से भयभीत और सरकारी दफ्तरों में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार से त्रस्त हैं।
इनपर नियंत्रण लगाने की ये बात नहीं करते। देशविरोधियों, भ्रष्टाचारियों और अपराधियों को संरक्षण देते हैं और राष्ट्र के हित में कार्य करने वाले लोगों को जेल भेजने का काम करते हैं। भारतीय जनता पार्टी बजरंग दल जैसे अन्य सभी राष्ट्रवादी संगठनों के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ी है और उनका पुरजोर समर्थन करते हुए उनकी लड़ाई आज भी और आगे भी खुलकर लड़ेगी। बिहार सरकार प्रतिबंधित आतंकी संगठन पी एफ आई से जुड़े लोगों पर कार्रवाई कर नहीं रही है।
बजरंग दल जो कि एक राष्ट्रवादी एवं धार्मिक संगठन है। उस पर प्रतिबंध लगाने का सपना देख रही है। बिहार में महागठबंधन के नेताओं द्वारा रामकथा में व्यवधान डाला जाता है, बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री जी को पटना के गांधी मैदान में रामकथा करने की अनुमति नहीं दी गई। नालंदा के सांसद को जनता को यह बताना चाहिए कि उनके और उनके सरकार के द्वारा कितने बेरोजगारों को रोजगार दिया गया। कितने विकास के कार्य किये गये।
पंद्रह साल से लगातार नालंदा के सांसद रहते हुए उन्होंने नालंदा की जनता की भलाई के लिए कौन कौन से काम किए। अपनी नाकामी छुपाने के लिए और अपने आका नीतिश कुमार एवं एक खास समुदाय को खुश करने के लिए बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कर रहे हैं। इस बार नालंदा की जनता इनको अगले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में करारा सबक सिखाएगी। भारतीय जनता पार्टी की कार्यशैली सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास सबका प्रयास है।
जबकि जदयू राजद कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों की कार्यशैली तुष्टीकरण और बांटने की है। भारतीय जनता पार्टी इनकी मंशा को सफल नहीं होने देगी। सांसद के इस निंदनीय बयान का भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता सड़क से सदन तक पुरजोर विरोध करेगा। आवश्यक पड़ी तो इसके खिलाफ आंदोलन भी छेड़ा जाएगा।