नालंदा: उचित आहार व्यवहार व शारीरिक गतिविधि से डायबिटीज पर नियंत्रण संभव: डा.इंद्रजीत कुमार

नालंदा

-जीवनशैली में बदलाव के कारण लोग हो रहे डायबिटीज के मरीज

Biharsharif/Avinash pandey: डायबिटीज यानि मधुमेह से ग्रसित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जीवन शैली में बदलाव व उचित आहार व्यवहार में कमी के कारण यह बीमारी लोगों को अपनी चपेट में लेती है। शहर के प्रख्यात चिकित्सक डाक्टर इंद्रजीत कुमार ने बताया कि शुगर रोग से ग्रसित रोगियों को अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। खासकर डायबिटीज रोगियों को अपने खानपान व आहार व्यवहार में समन्वय स्थापित करने की जरूरत है। इस रोग से अब बच्चे एवं युवा भी ग्रसित हो रहे और इसे लेकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।

डियाबिटीज़ क्या है
डायबिटीज मेटाबोलिक बीमारियों का समूह है। जिसमें खून में ब्लड शुगर या ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करती हैं । डायबिटीज में मरीज को बार-बार प्यास लगती , भूख ज्यादा महसूस होती और बार-बार पेशाब लगती है।

डायबिटीज भी तीन प्रकार के होते हैं
टाइप 1 डायबिटीज, टाइप 2 डायबिटीज और गैस्टेशनल डायबिटीज । गैस्टेशनल डायबिटीज सामान्यतः गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होती है।

डायबिटीज के कारण
डायबिटीज होने के बहुत से कारण होते हैं। उनमें सबसे बड़ा कारण है शरीर का वजन अधिक होना। कई बार हाई ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना भी डायबिटीज का कारण होता है। गर्भावस्था में महिलाओं को डायबिटीज का शिकार होना बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसके अलावा उम्र अधिक होना, फैमिली हिस्ट्री और दिल के मरीजों को डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है।

डायबिटीज को कैसे करें काबू
डाक्टर इंद्रजीत ने बताया कि डायबिटीज के मरीज अपनी जीवनशैली में बदलाव कर बीमारी पर काबू पा सकते हैं। यह बात ध्यान रखें कि एक दिन में कम से कम 30-45 मिनट का व्यायाम इस बीमारी से बचा सकती है। खानपान में फल, अनाज और सब्जियों का सेवन करें और कभी भी खाली पेट नहीं रहें। इसके अलावा वजन पर नियंत्रण करना और पर्याप्त नींद लेना आपको मधुमेह से दूर रखेगा। तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाना भी फायदेमंद होगा।

हरी पत्तेदार सब्ज़ी व अंकुरित अनाज़ का करें सेवन
डायबिटीज के मरीज हरी पत्तेवाली सब्जियां, सलाद और अंकुरित अनाज खाएं। रात में खाना जल्दी खाएं और डिनर के बाद टोन्ड दूध जरूर पीयें। हमेशा कम चीनी या बिना चीनी की चाय पीयें। दिन के खाना में दही या छाछ ले सकते हैं। सुबह खाली पेट मेथी के दाने का पानी भी लाभदायी होगा। रोज व्यायाम करें और कम से कम दो किलोमीटर पैदल चलें। इसके अलावा आंवले और करेला का जूस भी पी सकते हैं।