नालंदा: जिलाधिकारी द्वारा जिला में संचालित अल्ट्रा साउंड केंद्रों के जांच की समीक्षा

नालंदा

— जिले में 26 जांच दलों का किया गया था गठन

Biharsharif/Avinash pande : भ्रूण लिंग परीक्षण एवं भ्रूण हत्या को रोकने के लिए देश एवं राज्य में PC & PNDT ( प्री-कन्सेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेस्टिंग) अधिनियम लागू है। इस अधिनियम के तहत भ्रूण का लिंग परीक्षण प्रतिबंधित है। कुछ अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों द्वारा इस अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसी उद्देश्य से जिला के सभी प्रखण्डों में संचालित अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जाँच कराई गई। जांच के लिए 26 अलग अलग जाँच दलों का गठन किया गया था। प्रत्येक जाँच दल में पाँच सदस्य थे। इनमें से तीन प्रशासनिक पदाधिकारी/कर्मी, एक चिकित्सीय पदाधिकारी एवं एक पुलिस पदाधिकारी शामिल थे।

जांच से पूर्व 26 मई को सभी जांच दल सदस्यों की ब्रीफिंग प्रभारी जिलाधिकारी -सह- उप विकास आयुक्त वैभव श्रीवास्तव द्वारा की गई थी। ब्रीफिंग में जाँच का उद्देश्य एवं PC & PNDT अधिनियम के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई थी। विभिन्न जांच दल द्वार अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जाँच की गई। कुछ केंद्र जाँच के क्रम में बंद पाए गए थे। इस दौरान विभिन्न प्रखण्डों के 10 अल्ट्रासाउंड केंद्रों को जाँच दल द्वारा सील भी किया गया।

इनमें बिहारशरीफ का एक, अस्थावां का एक, बिंद का एक, गिरियक के 2,एकंगरसराय का एक तथा चंडी के 4 अल्ट्रासाउंड केंद्र शामिल हैं। प्रभारी जिलाधिकारी -सह- उपविकास आयुक्त ने आज स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों, सभी अनुमंडल पदाधिकारी तथा जाँच दल के पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक किया।सभी पदाधिकारियों से जांच के बारे में फ़ीडबैक लिया गया। जांच के क्रम में बंद पाए गए केन्द्रों के संचालकों को नोटिस निर्गत करने को कहा गया।

ऐसे सभी केंद्र संचालकों को अपने अल्ट्रासाउंड केन्द्रों की जाँच सुनिश्चित कराना होगा, अन्यथा अधिनियम के प्रावधान के तहत उनका निबंधन रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी बैठक में सिविल सर्जन, अन्य चिकित्सा पदाधिकारी तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी आदि जुड़े थे।