-विभाग द्वारा जारी मार्गदर्शिका के अनुरूप कार्यों के निष्पादन का निदेश
Biharsharif/Avinash Pandey : जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने शनिवार को महिला हेल्पलाइन एवं वन स्टॉप सेंटर के कार्यों की समीक्षा की। बताया गया कि विभिन्न स्रोतों से प्राप्त वर्त्तमान में 36 मामलों में से 18 मामलों का निष्पादन किया गया है।इन मामलों में से 12 मामलों में आवश्यक परामर्श, 3 मामलों में दोनों पक्षों के बीच सुलह तथा एक मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की गई है।समीक्षा के क्रम में ज्ञात हुआ कि मामलों के निष्पादन हेतु किसी भी तरह की समय सीमा का निर्धारण एवं अनुपालन नहीं किया गया है। जिलाधिकारी ने इन पर काफी अप्रसन्नता व्यक्त किया। उन्होंने महिला विकास निगम के डीपीएम से स्पष्टीकरण पूछा।
उन्होंने महिला हेल्पलाइन के प्रभारी पदाधिकारी -सह- जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आईसीडीएस) एवं महिला विकास निगम के डीपीएम को विभागीय मार्गदर्शिका के प्रावधानों के अनुरूप सभी कार्यों का निष्पादन सुनिश्चित करने को कहा। सभी अधीनस्थ पदाधिकारी एवं कर्मियों को विभागीय मार्गदर्शिका के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी देने को कहा गया। उन्होंने मामलों की सुनवाई से सम्बंधित पंजी का भी अवलोकन किया।
सभी मामलों के निष्पादन हेतु की जा रही कार्रवाई को स्पष्टता के साथ तिथिवार पंजी/संचिका में संधारित करने का स्पष्ट निदेश दिया गया। बताया गया कि महिला हेल्पलाइन में वर्त्तमान में कार्यरत दो कॉउंसलर में से एक द्वारा त्यागपत्र दे दिया गया है। जिलाधिकारी ने अविलंब विभागीय प्रक्रिया के तहत कॉउंसलर के चयन का निदेश दिया। विभागीय मार्गदर्शिका के अनुरूप कॉउंसलर पीड़ित पक्ष के घर पर जाकर काउंसेलिंग करें। नियमानुसार संबंधित थाने को भी मामले की जानकारी दें। पीड़ित के गृह भ्रमण हेतु कॉउंसलर को नियमानुसार यात्रा भत्ता का भुगतान करें।
बताया गया कि पालना घर के निर्माण हेतु स्थल चयन किया गया है।आगे की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर पालना घर के निर्माण का निदेश दिया गया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि दिए गए निदेशों का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करें।अगले माह फिर से बैठक कर अनुपालन की विस्तृत समीक्षा की जायेगी। बैठक में प्रभारी पदाधिकारी वन स्टॉप सेंटर -सह- जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक महिला विकास निगम, कॉउंसलर आदि उपस्थित थे।