-फेफड़ों के अलावा शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है टीबी का बैक्टीरिया
-किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है ब्रेन टीबी, यह बच्चों में भी हो जाती है विकसित
Biharsharif/Avinash pandey: टीबी को लेकर अभी लोगों में जानकारी का अभाव देखने को मिलता है। अनुमन लोगों में यह धारणा है कि टीबी सिर्फ सांस से जुड़ी बीमारी है। लेकिन, लोगों को यह समझना होगा कि फेफड़ों के अलावा भी टीबी कई प्रकार की होती है। इसमें से ही एक होती है दिमाग की टीबी। ऐसे तो दिमाग की टीबी एक-दूसरे से नहीं फैलती लेकिन, जब फेफड़ों की टीबी से संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता है तो उसके मुंह से निकली बूंदें दूसरे व्यक्ति के अंदर प्रवेश कर जाती हैं। ये बूंदें यदि दिमाग में प्रवेश कर जाती हैं तो व्यक्ति के दिमाग में टीबी या ब्रेन टीबी होने की संभावना होती है। दिमाग में होने वाली टीबी को मेनिनजाइटिस भी कहा जाता है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में लगभग 2.79 मिलियन लोग इस बीमारी के शिकार हैं।
ब्लड के द्वारा अन्य अंगों में फैलता है टीबी का बैक्टीरिया
टीबी के बारे में तो हम सब ही जानते हैं कि, यह एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो फेफड़ों को प्रभावित करता है। चिकित्सकों के अनुसार टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। इस संक्रमण का यदि सही समय और ढंग से इलाज न कराया जाए तो यह बैक्टीरिया ब्लड के द्वारा अन्य अंगों में भी फैल सकता है। कई बार यह बैक्टीरिया ब्रेन और रीढ़ की हड्डी पर भी अटैक कर देता है जिस वजह से ब्रेन टीबी हो जाती है।
ब्रेन टीबी के लक्षण
टीबी मेनिनजाइटिस के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे दिखाई देते हैं। जो हफ्ते दर हफ्ते गंभीर होते जाते हैं। शुरुआत में यह लक्षण सामान्य लगते हैं, जिन्हें पहचानना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
- चक्कर आना
- कमजोरी महसूस होना
- हल्का फीवर रहना
- बीमारी बढ़ने पर गर्दन में अकड़न
- लगातार सिरदर्द होना
- उलझन महसूस होना
- अधिक गुस्सा करना
लक्षणों को मरीज मामूली न समझें
चिकित्सकों के अनुसार ब्रेन टीबी के मरीजों को प्रारंभिक दौर में सुबह उठकर चक्कर और उल्टी आने जैसा लगता है। हमेशा सिर दर्द बना रहता है और यह दर्द दवाइयां खाने के बाद भी नहीं जाता। इन लक्षणों को मरीज मामूली न समझें। ऐसे लक्षण ब्रेन टीबी के भी हैं। ब्रेन टीबी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। यह बच्चों में भी विकसित हो जाती है। इसके बारे में पता लगते ही व्यक्ति को इसे तुरंत दिखा लेना चाहिए, क्योंकि इसमें लापरवाही से जान का खतरा हो सकता है। जैसे ही मरीज को ब्रेन टीबी के लक्षण दिखाई देते हैं, उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। ब्रेन टीबी में लापरवाही मरीज के लिए घातक हो सकती है।
ब्रेन टीबी के कारण और जोखिम
- फेफड़ों के टीबी वाले मरीजों में इसके फैलने की संभावना
- समय पर टीबी का इलाज और कोर्स पूरा ना करने वाले लोगों में ब्रेन टीबी का खतरा
- एचआईवी एड्स से संक्रमित लोग
- धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन करने वाले लोग
- डायबिटीज रोगियों को भी ब्रेन टीबी का खतरा अधिक
- कमजोर इम्यूनिटी वाले रोगियों को भी इसका खतरा
- किडनी फेल्योर
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