Nalanda: कुष्ठ रोग से विकलांग हुए लोगों को सरकार प्रतिमाह देती है 1500 आजीवन पेंशन

नालंदा

-बिहार के सिर्फ दो जिला मुजफ्फरपुर और रोहतास में है रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी की सुविधा

Biharsharif/Avinash pandey: कुष्ठ रोग यानी लेप्रोसी को जड़ से मिटाने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी लगातार प्रयासरत है। इसको लेकर समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं और लोगों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक किया जाता है। हालांकि लोगों में अभी भी कुष्ठ रोग को लेकर भ्रांतियां फैली हुई है की कुष्ठ रोग छुआछूत की बीमारी है, जिसकी वजह से आज भी कुष्ठ रोग से पीड़ित लोग घृणा की दृष्टि से देखे जाते हैं। हालांकि धीरे-धीरे अब लोगों के मनसे यह धरना खत्म हो रही है। कुष्ठ रोग के शुरुआती लक्षण दिखने के बाद तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क करें क्योंकि शुरुआती दौर में इलाज से कुष्ठ रोग ठीक हो सकते हैं।

क्लोज कॉन्टेक्ट वालों को दी जाती है खुराक
एसीएमओ सह जिला कुष्ठ रोग पदाधिकारी डॉ विजय कुमार सिंह ने बताया कि कुष्ठ रोग छुआछूत की बीमारी नहीं है इसे छूने से नहीं फैलता है फिर भी एहतियात के तौर पर क्लोज कांटेक्ट वाले व्यक्तियों को सिंगल डोज रेफेमपीसीन (एडीडीआर) की एक डोज दी जाती है। इसमें सिर्फ घर के लोगो को ही ये डोज दी जाती है। क्योंकि क्लोज कॉन्टेक्ट में ज्यादातर घर के ही लोग आते है इसलिए सिर्फ उन्हें ही ये एक बार खुराक दी जाती है।

कुष्ठ रोग से पीड़ित को दी जाती है प्रतिमाह पेंशन
कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों की पहचान करके उनकी इलाज की जाती है। डॉ. सिंह ने बताया कि इलाज के दौरान लेप्रोसी को रोका जा सकता है परंतु कभी-कभी किसी में डिफॉरमेटी रह जाता है यानी कि वह जड़ से खत्म नहीं हो पाता परंतु उसे रोका जा सकता है। कुष्ठ रोग की वजह से कुछ कुछ लोगों में दिव्यांगता आ जाती है। ऐसे में उनकी जांच कर ग्रेड 2 का सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है और उसे सामाजिक सुरक्षा कोषांग में भेज दिया जाता है। जहां से कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति को सरकार द्वारा प्रतिमा 1500 रुपए आजीवन पेंशन आर्थिक सहयोग के रूप में प्रदान की जाती है।

ऑपरेशन के दौरान दी जाती है 8000
डॉ. सिंह ने बताया कि जो व्यक्ति दिव्यांग हो गए हैं और उनकी उम्र 50 वर्ष से कम है उसके लिए रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी (आरसीएस) की भी सुविधा उपलब्ध है। यह सुविधा बिहार में सिर्फ दो ही जगह उपलब्ध है एक मुजफ्फरपुर और दूसरा रोहतास जिला, जहां पर कुष्ठ मरीजों का सर्जरी किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह सर्जरी पूरी तरह से निशुल्क होता है। इसमें मरीज के साथ-साथ उसके अटेंडेंट को भी रहने, खाने का फ्री व्यवस्था किया जाता है। साथ ही सर्जरी पर जो भी खर्च होता है वह सरकार वहन करती है। इसके अतिरिक्त जिस व्यक्ति का ऑपरेशन हुआ है उसे सरकार के द्वारा 8000 सहायता राशि भी प्रदान की जाती है।