नालंदा: हाइपोथर्मिया : सर्दियों में बच्चों के लिए खतरा, सतर्कता ही बचाव: डॉ. पंकज

नालंदा

-कंगारू मदर केयर जरूरी, पिता भी दे सकते हैं केएमसी
-स्तनपान , सही पोषण और नियमित टीकाकरण को ना करें नजरंदाज

Biharsharif /Avinash pandey: सर्दी की दस्तक के साथ ही खांसी जुकाम या निमोनिया की चपेट में सबसे ज्यादा और जल्दी आने वालों में बड़ी संख्या ,छोटे बच्चों और नवजातों की होती है। जरा सी लापरवाही हाइपोथर्मिया का खतरा बढाती है. सदर असताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि हाइपोथर्मिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर का तापमान असामान्य रूप से गिरने लगता है जो बच्चों के लिए घातक है. शारीरिक रूप से कुपोषित और कमजोर बच्चों पर इसका असर जल्दी होता है. शरीर में कपकपी, सांस तेजी से चलना, त्वचा का ठंडा पड़ना, थकान महसूस होना, बोलने में परेशानी होना, बेहोशी, नींद अधिक आना या फिर नींद में कमी होना हाइपोथर्मिया की निशानी है . जिसे सतर्कता और उचित देखभाल के जरिये रोका जा सकता है.

कंगारू मदर केयर जरूरी
डॉ. पंकज बताते हैं ,माँ के गर्भ में शिशु 38° c (100.4 ° F ) तापमान में पोषित होता है. लेकिन जन्म के बाद बाहर के सामान्य तापमान (96.8-97.5°F) से कम तापमान की स्थिति उसके लिए नुकसानदायक है। गर्भावस्था के 37 सप्ताह पूर्ण करने से पहले (प्रीटर्म )जन्म लेने वाले या कम वजन वाले कुपोषित शिशुओं को यह समस्या ज्यादा होती है। इसलिए प्रसव के 28 दिनों तक विशेष करके शुरुआत के 24 घंटे नवजात के शरीर के आवश्यक तापमान को बनाये रखने की जरूरत है, जिसके लिए कंगारू मदर केयर संजीवनी या माँ के सिने से चिपकाए रखना (स्किन टू स्किन कांटैक्ट )और निरंतर स्तनपान कराना संजीवनी की तरह काम करता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर तथा प्रसव कक्ष में शिशु जन्म के बाद गर्भवती व प्रसूताओं को कंगारू मदर केयर के बारे में जागरूक किया जाता है.

पिता भी दें केएमसी
परवलपुर की एएनएम शीशमनी ने बताया माता की अनुपस्थिति या असमर्थता में पिता भी शिशु को कंगारू मदर केयर दे सकते हैं . इसके लिए नवजात को खुली छाती से लगाकर ऊपर से गर्म चादर या कंबल रख लें. छाती खुली होने के कारण बच्चे तक वह तापमान पहुंच पाता है जो उसके लिए आवश्यक है। छाती को पहले अच्छी तरह साफ कर लें। इस विधि से नवजात के शरीर को गर्मी मिलती है। यह गर्माहट शिशु के शारीरिक विकास लिए बहुत अधिक लाभकारी होता है। कंगारू मदर केयर देते समय शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें। यह ना सिर्फ शिशु के शरीर के तापमान को सामान्य बनाये रखने में मदद करता है, बल्कि यदि शिशु कम वजन वाला है तो उसके वजन में भी बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा परिवार के अन्य सदस्य भी सफाई संबंधी बातों का ध्यान रखते हुए कंगारू मदर केयर दे सकते हैं।

नियमित स्तनपान और टीकाकरण को न करें नजरंदाज
हाइपोथर्मिया होने का प्रमुख कारण शिशुओं का कमजोर होना है। इसलिए नियमित स्तनपान और आयु के अनुसार पोषाहार द्वारा उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बरकरार रखना भी उतना ही आवश्यक है। जितना जन्म के बाद नियमित टीकाकरण करवाना .इसलिए शिशुओंको लगने वाले किसी भी टीके को नजरंदाज न करें क्योंकि ये टीके उन्हें खसरा, टेटनस, पोलियो, टीबी, गलघोंटू, काली खांसी और हेपेटाइटिस बी जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाते हैं।