-जिले के 3308 आंगनबाड़ी केंद्र होंगे लाभान्वित
बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय: सरकार कुपोषण मुक्त समाज के निर्माण के लिए प्रयासरत है और कुपोषण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के पोषण की स्थिति पर सरकार विशेष ध्यान दे रही रही है। ताकि बच्चों को पूरक पोषाहार के रूप में कैलोरी एवं प्रोटीन युक्त भोजन मिल सके। इसके लिए सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में पूरक पोषाहार का मेनू निर्धारण किया है। समाज कल्याण विभाग के आईसीडीएस निदेशक,अलोक कुमार ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिए जाने वाले पूरक पोषाहार की दरों, मानकों एवं मेन्यू निर्धारण को लेकर नया आदेश जारी किया है, जिससे जिले में संचालित 3308 आंगनबाड़ी केंद्रों में अब और गुणवत्तापूर्ण पोषाहार बच्चों, किशोरी, बालिका और महिलाओं को मिलेगा।
आईसीडीएस द्वारा दी जानेवाली मेन्यू
आइसीडीएस द्वारा जारी मेन्यू के अनुसार 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को सप्ताह में तीन दिन खिचड़ी, एक दिन पुलाव, एक दिन रसिया एवं एक दिन सूजी का हलवा मिलेगा। इस तरह महीने में कुल 25 दिन गर्म पका पौष्टिक भोजन जिले के सभी केंद्रों पर देने का प्रावधान है। प्रत्येक बुधवार एवं शुक्रवार को सुबह के नास्ते में अंडा खाने वाले बच्चों को एक उबला अंडा और अंडा नहीं खाने वाले बच्चों को अंकुरित चना एवं गुड़ दिया जाएगा। 3 से 6 वर्ष के अतिकुपोषित बच्चों को दोगुना आहार देने का प्रावधान है।
पोषण के आंकलन के अनुसार होगा पूरक पोषाहार राशि का वितरण
6 से 72 माह के सामान्य कुपोषित बच्चे को 8 रुपये जिसमें पोषाहार का मानक 500 कैलोरी व 12 से 15 ग्राम प्रोटीन निर्धारित की गई है। 6 से 72 माह के अतिकुपोषित बच्चों 12 रुपये जिसमें पोषाहार का मानक 800 कैलोरी व 20 से 25 ग्राम प्रोटीन निर्धारित की गई है। गर्ववती एवं धातृ महिलाओं को 9.50 रु। जिसमें पोषाहार का मानक 600 कैलोरी व 18 से 20 ग्राम प्रोटीन निर्धारित की गई है।
मॉर्निंग स्नैक्स
जारी पत्र में बताया गया है की सुबह के नाश्ते में मौसमी फल,गुड़ चूडा अथवा भूना चना, मूंगफली देने दिया जाना है। यदि जिला स्तरीय मूल्य निर्धारण समिति द्वारा किसी सामग्री का मूल्य घटता या बढ़ता है तो उसे सुबह के नाश्ते की राशि से वहन किया जा सकता है। साथ ही अगर अन्य सामग्री की राशि में बचत होती है तो उसका व्यय गुणवत्ता वाले सुबह के नाश्ते देने में किया जाएगा। संभावित मीनू एवं दर निर्धारण थोक बाजार भाव को आधार मानते हुए इंडिकेटिव (सूचक) दर के रूप में किया जाए।
जारी पत्र में निर्देशित है कि खाद्यान्न के दर का निर्धारण जिले में जिलाधिकारी या उनकी अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। यह समिति सम्बंधित खाद्य पदार्थों के दर सीमा बाजार सर्वे के उपरांत प्रत्येक तिमाही के लिए दर का निर्धारण करेगी। जिसे ससमय सेविकाओं को उपलब्ध कराएंगे। यदि जिलास्तरीय मूल्य निर्धारण समिति द्वारा किसी सामग्री का दर घटता है मॉर्निंग स्नैक्स एवं टीएचआर में दी जाने वाली सोयाबड़ी से वहन किया जा सकता है। साथ ही अगर किसी सामग्री की राशि बचत होती है तो स्थानीय गुणवत्ता वाले मॉर्निंग स्नैक्स एवं टीएचआर में दी जाने वाली सोयाबड़ी की मात्रा बढ़ाई जा सकती है।