– अपने मोटिवेशनल स्पीच में कहा कि संकल्प से सिद्धि है
Biharsharif/ Avinash pandey: डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था। शिक्षक दिवस के इस खास मौके पर सबसे पहले हम उन सभी शिक्षकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने हमारी जिंदगी को सही दिशा दी। शिक्षक केवल पाठ्यक्रम के ज्ञान के ही शिक्षक नहीं होते, बल्कि वे जीवन के पाठों के भी मार्गदर्शक होते हैं।
उक्त बातें नालंदा के प्रख्यात चिकित्सक डॉक्टर इंद्रजीत कुमार ने शिक्षक दिवस के मौके पर शहर के बिजवन पर पावर ग्रिड केंपस में स्थित डीएवी स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहीं। डॉ इंद्रजीत ने कहा कि भारत के दूसरे राष्ट्रपति रहे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक प्रसिद्ध दार्शनिक, राजनेता और शिक्षक भी थे। उन्होंने अपने जन्मदिन को उनके निजी उत्सव के रूप में मनाने की बजाय शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया। ताकि समाज में शिक्षकों की महत्व को पहचाना जा सके।
मोटिवेशनल स्पीच में डॉक्टर इंद्रजीत ने कहा कि संकल्प से सिद्धि है।उपस्थित छात्र-छात्राओं को अपने मोटिवेशनल स्पीच में कहा कि सफलता का एकमात्र मंत्र है और वह है कॉन्फिडेंस व जी तोड़ मेहनत। अगर इस दिशा में आप बच्चे अव्वल हैं तो आप अपने लक्ष्य को बड़े ही आसानी से पा सकते हैं। स्थिति चाहे जैसी भी हो अपने आप को मजबूती से खड़ा रखना अति आवश्यक है।
स्वास्थ्य के प्रति बच्चों को जागरुक करते हुए डॉक्टर इंद्रजीत ने कहा कि सबसे पहले हमेशा खुश व हेल्दी रहना चाहिए। गुरु माता-पिता एवं अपने से बड़ों का सम्मान अति है। आउटडोर गेम बहुत जरूरी है। बच्चों को चाहिए कि इंडोर गेम से परहेज करें। उन्होंने कहा कि संकल्प से ही सिद्ध होती है। अगर संकल्प आपका मजबूत है तो सफलता अवश्य मिलेगी।
करीबी 20 मिनट के अपने मोटिवेशनल स्पीच में डॉक्टर इंद्रजीत ने विद्यालय के बच्चों को मोटिवेट करते हुए कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति को लेकर मेहनत और ईमानदारी से अपनी शिक्षा पूरी करें। इससे पूर्व विद्यालय के प्रिंसिपल विजय कुमार पाठक ने आगंतुक अतिथियों को अंग वस्त्र देकर उन्हें सम्मानित किया।
इस मौके पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहारशरीफ के पूर्व प्रेजिडेंट डॉक्टर बीबी सिन्हुआ, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरविंद कुमार, डॉ अजय कुमार, संयुक्त सचिव डॉक्टर रेनू, डॉक्टर रत्नशीला सहित शहर के अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।