नालंदा: साइबर अपराध के समूह को डिकोड करने आ गई साइबर थाने की पुलिस

नालंदा

— बस एक क्लिक पर ही ठगों की पहचान उजागर

Biharsharif/Avinash pandey: साइबर क्राइम वास्तव में एक अपराध ना होकर विभिन्न अपराधों का समूह है। जिसमें हैकिंग, ऑनलाइन ठगी, फिशिंग, स्पैम ईमेल,रैनसमवेयर, पोर्नोग्राफी ऑनलाइन ब्लैकमेल एवं इसी प्रकार के अपराध आते हैं। साइबर अपराध पर रोकथाम लगाने को लेकर एक बड़ी व्यवस्था हमारे बिहारशरीफ शहर में भी आ गई है शुक्रवार से साइबर थाना काम भी करना शुरू कर दिया है साइबर थाने के संचालित होने से साइबर अपराधों के प्रति लगाम लगाने की कोशिश पर नालंदा पुलिस अभी से ही जुट गई है।

जिसकी वानकी शुक्रवार को नालंदा के पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा ने भी की उन्होंने कहा कि हर हाल में साइबर क्राइम से जुड़े अपराधियों की पहचान एवं उनकी गिरफ्तारी पर साइबर थाना विशेष कार्य करेगा उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई भी व्यक्ति अगर साइबर अपराध का शिकार होता है तो वह स्वयं नगर थाना क्षेत्र के परिसर में बने साइबर थाने में लिखित रूप से अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है इतना ही नहीं कोई भी पीड़ित ईमेल के माध्यम से भी अपनी शिकायत थाने तक पहुंचा सकता है।

साइबर क्राइम कैसे काम करता है
इस संबंध में साइबर एक्सपर्ट्स बताते हैं कि किसी भी कंप्यूटर का आपराधिक स्थान पर मिलना या कंप्यूटर से कोई अपराध करना कंप्यूटर अपराध कहलाता है। कंप्यूटर अपराध में नेटवर्क शामिल नहीं होता है। किसी की निजी जानकारी को प्राप्त करना और उसका गलत इस्तेमाल करना किसी की भी निजी जानकारी कंप्यूटर से निकाल लेना या चोरी कर लेना ही साइबर अपराध कहलाता है। आज के इस मॉडर्न युग में साइबर अपराध से वैसे लोग जुड़े हैं जो कंप्यूटर की बेहतर जानकारी रखते हैं। नालंदा जिला साइबर अपराध के मामले में पूरे भारत में विख्यात है। यहां कतरीसराय का पूरा इलाका साइबर अपराधियों की भीड़ से भरा पड़ा है।

आए दिन भारत के विभिन्न राज्यों की पुलिस यहां दबिश देकर साइबर अपराधों से जुड़े अपराधियों की गिरफ्तारी करती है। इन दिनों साइबर अपराध में ऑनलाइन ठगी की शिकायत ज्यादा प्रतिवेदित होती है। जांच में सबसे बड़ी जटिलता साइबर फ्रॉड से जुड़े अपराधियों का पहचान पत्र निकल कर सामने आता है वस्तुतः साइबर अपराधी दूसरे के आधार कार्ड पैन कार्ड के नाम पर बैंक में अकाउंट खुलवा लेते हैं हालांकि पिछले दिनों साइबर अपराध से जुड़े एक बड़ी गिरफ्तारी में सदर एसडीपीओ डॉक्टर मोहम्मद शिब्ली नोमानी ने स्पष्ट कहा था कि साइबर अपराध से जुड़े जांच में संबंधित बैंकों की भूमिकाओं की भी जांच की जाएगी।

कैसे बचें साइबर क्राइम से
जानकार बताते हैं कि साइबर अपराध को रोकने के लिए व्यक्तियों के लिए अच्छी साइबर सुरक्षा आदतों का अभ्यास करना अति महत्वपूर्ण है। जैसे मजबूत पासवर्ड का उपयोग करना, संदिग्ध वेबसाइट से बचना, अपने कंप्यूटर सिस्टम पर शक्तिशाली एंटीवायरस सॉफ्टवेयर स्थापित करना और नवीनतम सुरक्षा पैच के साथ अपने ऑपरेटिंग सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट करना अति महत्वपूर्ण है। नालंदा के पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा ने कहां है कि नालंदा पुलिस साइबर अपराध से बचाव को लेकर एक जागरूकता अभियान चलाएगी। इस जागरूकता अभियान में आम लोगों को यह बताया जाएगा कि आप खुद को साइबर अपराध से कैसे बचा सकते हैं।