-अस्थमा से ग्रसित मरीज सुबह की सैर से करें परहेज
-वातावरण में धूलकणों से हो सकती है एलर्जी की शिकायत
Biharsharif/Avinash pandey: जिला सहित राज्य में बढ़ते प्रदूषण के स्तर से सभी चिंतित हैं। स्वास्थ्य विभाग भी सांस की बीमारियों (एलर्जी, अस्थमा, टीबी आदि) से ग्रसित मरीजों को लेकर चिंतित है। ठंड और प्रदूषण से अस्थमा, सांस लेने में परेशानी एवं एलर्जी की समस्याएं बढ़ जाती हैं। प्रदूषण की वजह से अस्थमा रोगियों में हांफने और बेचैनी की स्थिति देखी जाती है। वहीँ आम सामान्य लोग भी सर्दी, खांसी, नाक से पानी आना जैसी समस्याओं से ग्रसित हो सकते हैं। बढ़ते प्रदूषण के कारण आंखों से पानी आना, उनमे खुजली आदि की समस्या आम हो जाती है। ऐसे में सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है, ताकि प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचा जा सके।
बारूद के धुएं से सांस के मरीजों में बढ़ती है एलर्जी
सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया सांस की बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए ठंड का मौसम ही परेशानियों का सबब बन जाता है। वहीं, जिला सहित राज्य में फ़ैल रहा प्रदूषण सभी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे में अस्थमा एवं सांस से जुडी अन्य रोगों से ग्रसित लोगों के लिए यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। सिविल सर्जन ने बताया कि प्रदूषण की अधिकता के कारण लोगों को सुबह मॉर्निंग वाक पर निकलने से परहेज करना चाहिए। खासकर अस्थमा एवं ह्रदय रोग से ग्रसित लोगों को सर्दियों के मौसम में सुबह की सैर करना स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों को बढ़ा सकता है। उन्हें सांस की समस्या के साथ एलर्जी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि यदि सुबह बाहर निकलना जरुरी हो तो मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें।
बढ़ सकती है फेफड़ों की समस्या
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि प्रदूषण, धूलकण, पत्थर एवं एस्बेस्टस की धूल तथा कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के कारण फेफड़ों में सिकुड़न की समस्या ( फाइब्रोसिस ) भी बढ़ जाती है. लंबे समय तक सूखी खांसी, चलने में हांफना और दम फूलना इसके लक्षण हैं। चिकित्सक बताते हैं कि धूम्रपान करने वाले लोगों में यदि खांसी के साथ कभी खून आये तो उन्हें फेफड़े के कैंसर की जांच करानी चाहिए। जिन लोगों को एलर्जी, खांसी की समस्या उन्हें कोल्ड ड्रिंक के सेवन, ठंडा पानी, दही इत्यादि के सेवन से बचना चाहिए।
सावधानी ही सुरक्षा है
बढ़ता प्रदूषण बच्चों के लिए भी घातक साबित हो सकता है। प्रदूषण के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों को खासा दिक्कतों का सामना करते देखा जा रहा है। बच्चों में आंखों में जलन, आखों से पानी आना एवं खांसी सर्दी की शिकायतें देखी जा रही हैं। बच्चों को स्कूल भेजते समय उन्हें मास्क पहनाना उन्हें कई समस्याओं से बचा जा सकता है।