Nalanda : छोटे बच्चों को डेंगू से बचाएं, मच्छरदानी और स्वच्छ्ता अवश्य अपनाएं

नालंदा

— लक्षण को पहचान, ससमय इलाज से करें रोग का निदान

Biharsharif/Avinash pandey: मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है. दिन में गर्मी और रात में ठंड के साथ डेंगू के मच्छरों का दस्तक शुरू हो जाता है. इसलिए अपने नवजातों और छोटे बच्चों को इससे बचाने के लिए सतर्क रहें. हालांकि डेंगू के मच्छर किसी को भी काट सकते हैं किन्तु छोटे बच्चे की रोग प्रतिरोधक शक्ति दूसरों से कम होती है। इसलिए उन्हें सुरक्षा की जरूरत भी ज्यादा है।

जाने क्या हैं सुरक्षा के उपाय
सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू रोग मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है। इसलिए इससे बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करना सबसे आसान और बेहतर उपाय है. इसलिए बच्चों को हमेशा मच्छरदानी में सुलाएँ। एडीज मच्छर दिन में भी सक्रिय रहते हैं. इसलिए बाहर खेलने जाते समय भी बच्चों को पूरे शरीर को ढंकने वाले कपडे पहनाएं और शरीर के खुले हिस्से में मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें.

गंदगी और जलजमाव डेंगू फैलने का सबसे बड़ा कारण है इसलिए अपने आस-पास साफ सफाई रखें. खाली बर्तन,डब्बे,गमले,घर के आस-पास की नालियाँ समय समय पर साफ करें। गंदा पानी न जमने दें. घर को अंधकार मुक्त और हवादार बनाएँ तथा जमे हुये पानी पर कीटनाशक का प्रयोग कर मच्छरों को नष्ट कर दें।

लक्षणों को पहचानें और ससमय इलाज कराएं
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. राम कुमार प्रसाद ने बताया कि डेंगू ,मलेरिया या टाइफाइड इन सब के बुखार और लक्षण लगभग एक से हैं. किन्तु फिर भी सामान्य से अधिक तेज बुखार, तेज सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों में सूजन और तेज दर्द, हड्डियों में दर्द, उल्टी और जी मिचलाना, भूख और स्वाद ना लगना, शरीर पर काले चकत्ते पड़ जाना जैसे लक्षण दिखते ही सतर्क हो जाएँ. ये सब डेंगू के लक्षण भी हो सकते हैं।

इसलिए बच्चे को तुरंत चिकित्सक के पास ले जाएँ तथा डेंगू का टेस्ट जरूर करवाएँ। ताकि टेस्ट से पता चल सके कि यह सामान्य डेंगू बुखार, रक्तस्रावी डेंगू या डेंगू सिंड्रोम है। इससे चिकित्सकों को सही इलाज करने में मदद मिलेगी और बच्चे को इस जानलेवा रोग से कोई नुकसान नहीं होगा। बिना चिकित्सकीय परामर्श के कोई भी दवा खुद से ना दें।

बच्चों में डालें स्वच्छता के पालन की आदत
कोरोना संक्रमण काल ने सभी को स्वच्छता के पालन का महत्त्व समझाया है. बच्चों में यह आदत डालना एक सकारात्मक पहल साबित होगी क्यूंकि बच्चे घर से बाहर स्कूल जाते समय अथवा खेलते समय कई तरह की चीजों के संपर्क में आते हैं। बच्चों को समझाएं कि जहाँ तक हो सके बाहर की चीजों का सेवन करने से बचें। उन्हें पौष्टिक भोजन दें। ज्यादा पानी की सलाह दें ताकि बच्चा स्वस्थ रहे।