नालंदा: बरसात का पानी लाता है अपने साथ कई संक्रामक रोग, बच्चों के सेहत के प्रति रहें सावधान

नालंदा

— मच्छर द्वारा व जल जनित रोगों के लक्षणों का रखें ध्यान
— बुखार होने पर तुरंत लें डॉक्टर की सलाह
–साफ- सफाई रोगमुक्ति का बड़ा हथियार

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बिहारशरीफ/ अविनाश पांडेय: जिले में मानसून आ चुका है। कई दिनों से बारिश रुक-रुक कर हो रही है । बारिश के मौसम में कई बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। विषेशरूप से इस मौसम में वायरल बीमारी जैसे सर्दी, खांसी, बुखार आदि जैसे रोग के होने की आशंका हमेशा बनी रहती है। ऐसे में छोटे बच्चे खासकर पांच साल तक के बच्चों को भी इन संक्रामक और वायरल रोगों से बचाने की जरूरत है,

क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए बच्चों की अधिकाधिक देखभाल जरूरी है, ताकि मौसमी बीमारी व संक्रमण से उन्हें बचाया जा सके। बारिश के मौसम में ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं रोगाणु
बिहार शरीफ शहर के प्रख्यात चिकित्सक डॉक्टर इंद्रजीत कुमार ने बताया कि मौसम बदलने के साथ बच्चो को बुखार आ जाना सामान्य घटना है।

किन्तु कई बार ये बुखार मच्छरों के काटने या पानी के संक्रमण के कारण होते हैं या फिर कई बार ये वायरल बुखार भी हो सकते हैं। जो आम तौर पर वातावरण के बदलाव के कारण छोटे बच्चों को हो जाते हैं। इसलिए इसकी जांच जरूरी हो जाती है। यह पता करना जरुरी है कि किस प्रकार का बुखार है। क्योंकि कई बार बुखार के साथ खांसी और जोड़ों में दर्द भी हो सकता है।

बरसात में वायरल बुखार के अलावा सर्दी, खांसी, मच्छर व जल जनित रोग जैसे -मलेरिया, डेंगू, टायफायड व जांडिस होने की आशंका भी ज्यादा होती है। इसलिए इन दूसरी बीमारियों के लक्षणों की जानकारी रखना भी जरूरी है। बिना डॉक्टर के सलाह इलाज या दवा देना अनुचित होता है।

बुखार आने पर तत्काल करें चिकित्सकों से संपर्क
बुखार होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें । तथा शिशु को यदि तेज बुखार हो तो तुरंत चिकित्सक से बात कर उनकी सलाह पर ही पैरासीटामॉल या दूसरी दवाई दें। ध्यान रखें बिना डॉक्टर के सलाह के बच्चे को कोई भी दवा देना उचित नहीं है।

अपने आसपास साफ-सफाई का रखें ध्यान
डॉ. इंद्रजीत कुमार ने आगे बताया बारिश के मौसम में नमी की वजह से मच्छर व कई तरह के बैक्टीरिया पनपते हैं। इसलिए घर और अपने घर से आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। घर में फर्श की सफाई फिनाइल से जरूर करें। घर में ऐसे स्थान जहां पानी भरा रहे -कूलर, गमले आदि कीसफाई जरूर करें। सोने के समय मच्छरदानी का उपयोग करें।

बच्चों को घर का खाना ही खिलाएं
डॉक्टर इंद्रजीत कुमार के मुताबिक बारिश के मौसम में संक्रमण से बचाने के लिए बच्चों को घर का बना खाना ही खिलाएं। यदि बच्चा छह माह से कम का है तो उसे सिर्फ स्तनपान करायें। यदि छह माह से अधिक का है तो स्तनपान के साथ दलिया, खिचड़ी, दाल का पानी जैसे पूरक आहार दें। बच्चों को जंक फूड न दें। खुले में बिकनेवाले सामान से परहेज जरूरी है।