बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय: कुछ दिनों पूर्व भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वाले जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जबरदस्त हमला बोला है। कहा कि पटना में 23 जून को होने जा रहे महागठबंधन की बैठक राजनीति के इतिहास में एक सियासी व्यंग बनकर रह जाएगा। बैठक में शामिल होने वाली पार्टियां खुद एक दूसरे से 36 का आंकड़ा रखती हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि एक दूसरे के साथ कांट्रडिक्शन को प्राथमिकता देने वाली विभिन्न पार्टियां आखिर एक मंच पर कैसे आ सकती है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह देखने वाली बात है कि आम आदमी पार्टी का कांग्रेश से कांट्रडिक्शन है वही उत्तर प्रदेश की बात करें तो वहां कांग्रेस का समाजवादी पार्टी से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। वहीं आंध्र प्रदेश में केसीआर का कांग्रेस से कंट्राडिक्शन है। ऐसी स्थिति में संबंधित पार्टियां क्या पटना में आयोजित महागठबंधन की बैठक में एक दूसरे के साथ महागठबंधन की स्थिति को मजबूत कर पाएंगे। व्यंग भरे अंदाज में उन्होंने कहा कि मैं नीतीश जी को काफी करीब से जानता हूं।
जनता भी इन्हें समझने लगी है। वर्तमान परिपेक्ष में जदयू कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। जनता दल यूनाइटेड के पुराने साथी राजद की विचारधाराओं को सही नहीं मानते। वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार राजद की गोद में जाकर बैठ गए हैं। बिहार में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। बगैर पैसे के किसी सरकारी दफ्तर में जनता का काम नहीं होता है। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष मांझी के त्यागपत्र दिए जाने के संबंध पर उन्होंने कहा कि 7 दलों का यह महागठबंधन अब 6 दलों में सिमट कर रह गया है।
कहा कि जीतन राम मांझी बहुत ही अनुभवी हैं। जीतन राम मांझी ने अपने स्वाभिमान के लिए यह कदम उठाया है। मंगलवार को नालंदा जिले के रहुई प्रखंड स्थित इतासंग गांव में भारतीय जनता पार्टी के पुराने नेता सुरेश प्रसाद से मिलने के बाद पत्रकारों से हुई औपचारिक भेंट वार्ता के दौरान आरसीपी सिंह ने उक्त बातें कही। इस मौकेे प मुन्ना सिद्धकी सहित कई लोग उपस्थित थे।