— इस दिन जो भी सच्चे मन से अल्लाह से अपने गुनाहों के लिए माफी मांगता है, अल्लाह उनके लिए जन्नत के दरवाजे खोल देते हैं: मीर अरशद हुसैन
Biharsharif/Avinash pandey: जिले के हकीकतमंदों ने शब-ए-बारात पर्व को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है जिले भर के मस्जिदों एवं कब्रिस्तान ओं की साफ सफाई की जा रही है आगामी 7 मार्च को शबे बरात का पर्व मनाया जाएगा इस दिन मस्जिद और कब्रिस्तान को सजाया और संवारा जाएगा कभी स्थानों पर दिए वह मोमबत्तियां जलाई जाएंगी और रंग-बिरंगे झालरों से मस्जिदों को रोशन किया जाएगा। काशि तकिया निवासी मोहम्मद मीर अरशद हुसैन ने बताया कि शब-ए बरात की रात हर साल में एक बार शाबान महीने की 14 तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होता है। यह त्यौहार चांद के दिखने पर निर्भर होता है।
शब ए बारात का अर्थ है शब यानी रात और बारात यानी बरी होना। शब-ए बरात के दिन इस दुनिया को छोड़ कर जा चुके पूर्वजों की कब्रों पर उनके प्रियजनों द्वारा रोशनी कर दुआ मांगी जाती है। इस दिन जो भी सच्चे मन से अल्लाह से अपने गुनाहों के लिए माफी मांगता है अल्लाह उनके लिए जन्नत के दरवाजे खोल देते हैं। शब-ए बारात के अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिद और कब्रिस्तान में जाकर अपने और पूर्वजों के लिए खुदा से इबादत करते हैं।
घरों को विशेष रूप से सजाया जाता है। मस्जिद में नमाज पढ़कर अल्लाह से अपने गुनाह की माफी मांगी जाती है। मीर अरशद हुसैन ने बताया कि शब बरात को लेकर शहर के काशी तकिया रांची रोड स्थित हजरत दाऊद कुरेशी रहमतुल्लाह आस्ताने की साफ-सफाई की गई है।