Biharsharif/Avinash pandey : देश के प्रथम गृह मंत्री, लौह पुरुष, ‘भारत रत्न’ सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती समारोह का आयोजन पटेल सेना द्वारा मंगलवार को नालंदा के सोहसराय, बिहारशरीफ स्थित पालम गार्डन में किया गया। जिसमें जन अधिकार युवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राजू दानवीर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने सरदार पटेल को उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उनके सपनों के भारत के निर्माण का संकल्प लिया। मौके पर पटेल सेना के हजारों साथी मौजूद रहे।
राजू दानवीर ने अपने संबोधन में महान स्वतंत्रता सेनानी और देश के प्रथम गृह मंत्री, सरदार वल्लभ भाई पटेल जी से पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने की प्रेरणा सरदार पटेल से ही मिलती है। वे प्रचंड-प्रखर राष्ट्रभक्त, ‘अखंड भारत’ के युगद्रष्टा थे, जिन्होंने आजादी से पूर्व और आजादी के बाद देश के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया। उनके जयंती पर आयोजित ये अवसर विशेष है और हम उन्हें याद करते हुए ये प्रण लेते हैं कि उन्होंने देश की जिस एकता और अखंडता को अक्षुण रखने का सपना देखा था, उसे हम पूरा करेंगे। दानवीर ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री थे।
सरदार पटेल भारतीय बैरिस्टर और प्रसिद्ध राजनेता थे। 15 दिसंबर 1950 को उनकी मृत्यु हो गई और यह लौह पुरूष दुनिया को अलविदा कह गया. उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ भारत रत्न ’ दिया गया. लेकिन उनका दर्शन, उनके सपने और उनके सोच आज भी हमारे लिए प्रेरणा श्रोत हैं और वही हमें मजबूत देश और देश की एकता को बनाये रखने के लिए प्रेरित करता है।
दानवीर ने कहा कि लेकिन आज देश की मोदी सरकार ने उनके नाम का इस्तेमाल कर अपना उल्लू सीधा करने का काम किया। इसके लिए बड़ी शिद्दत से राज्यों के संघ को देश में समाहित करने वाले पटेल के भारत में नफरत और विभेद की घिनौनी राजनीति की जा रही है। जम्मू कश्मीर से लेकर मणिपुर तक, आंतरिक कलह जारी है और केंद्र में सरकार चलाने वाली पार्टी के नेताओं द्वारा उसे कम करने की जगह नफरत वाली बयान बाजी में लगे हैं।
मणिपुर आज भी जल रहा है। आज तक प्रधान मंत्री और गृह मंत्री को इससे कोई मतलब नहीं है। ऐसी ही कई घटनाएं हैं, जो सरदार पटेल के भारत को शर्मसार करती है जिसके खिलाफ आज की युवा पीढ़ियों को एक होने की जरूरत है और देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को बचाने के लिए संकल्प के साथ आगे आने की जरूरत है।