नालंदा: पूर्वोत्तर राज्यों से आए छात्र-छात्राओं का स्वागत धनंजय टीचिंग सेंटर के सभागार में किया गया

नालंदा

-ब्रिलियंट ग्रुप के चेयरमैन डा शशि भूषण कुमार ने कहा कि भारत एक विशाल देश है, जहां भिन्न-भिन्न संस्कृति, वेशभूषा व धर्म के लोग रहते हैं

Biharsharif/Avinash pandey: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा चल रहे राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा 2023 के तहत अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन (शील) के तहत पूर्वोत्तर राज्यों से आए छात्र-छात्राओं का स्वागत स्थानीय भैसासुर स्थित धनंजय टीचिंग सेंटर के सभागार में किया गया। इस मौके पर छात्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे तुषार भौमिक ने बताया कि 1966 में असम एव॔ नागालैंड के पूर्व राज्यपाल टी भी आचार्य ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हर बार शील कार्यक्रम के तहत दर्शन करवाता है। श्री भौमिक ने बताया कि 2023 का शील यात्रा सबसे बड़ा यात्रा है जिसमें लगभग 450 छात्र-छात्राएं देश के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण पर जाकर वहां की वेशभूषा ,रहन सहन, खानपान एवं तीर्थ स्थल को घूम कर जानकारी लेने का काम कर रहे हैं।

बताया कि नालंदा में अरुणाचल प्रदेश, असम, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड एवं मणिपुर से आए लगभग 30 छात्र छात्रा अपने-अपने क्षेत्रों के वेशभूषा में आए हैं तथा नालंदा एवं पटना के बारे में जानकारी ले रहे हैं। छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए ब्रिलियंट ग्रुप के चेयरमैन डा शशि भूषण कुमार ने कहा कि भारत एक विशाल देश है। जहां भिन्न-भिन्न संस्कृति, वेशभूषा व धर्म के लोग रहते हैं। श्री चाइना ने कहा कि चाईना द्वारा पूर्वोत्तर में रहने वाले लोगों को भारतीय नहीं होने का एहसास दिलाने का षड्यंत्र रचने का काम किया था। जिसके बाद विद्यार्थी परिषद ने पूरे भारत के बच्चों की सोच को बढ़ाते हुए संस्कृति का आदान-प्रदान कर भारतीय होने का एहसास जगाने का काम किया है।

इस मौके पर ब्रिलिएंट ग्रुप के डायरेक्टर डा धनंजय कुमार कहा कि अनेकता में एकता का पैगाम देते हुए विद्यार्थी परिषद पिछले 60 वर्षों से यह कार्यक्रम चला रहा है। उन्होंने कहा कि नालंदा में ज्ञान बांटा जाता है। जब आएंगे तो उन लोगों को देश की वास्तविक भौगोलिक स्थिति की जानकारी होगी और पूर्वोत्तर राज्यों में नालंदा का संदेश एवं रहन सहन के बारे में जानकारी देने का काम करेंगे। श्री कुमार ने कहा कि भारत पहले भी सोने की चिड़िया थी आज भी सोने की चिड़िया है। जहां विभिन्न संस्कृति एवं भाषा होते हुए भी एक दूसरे के साथ भारत माता की जय वंदे मातरम के जयघोष करने का काम करते हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पटना यूनिवर्सिटी सिंडिकेट के सदस्य सह शील के स्वागत महामंत्री पप्पू वर्मा ने कहा के पूर्वोत्तर राज्यों से आए छात्र-छात्राओं को बिहार के लोग काफी उत्साह से स्वागत में लग जाते हैं तथा स्नेह मिलन समारोह आयोजित की जाती है।

उन्होने बताया की तीन दिवसीय भ्रमण यात्रा में पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों ने नालंदा एवं पटना के कई ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कर ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। इस मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह शील के जिला प्रभारी सज्जन कुशवाहा ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों से आए लगभग 30 सदस्यों का दल नालंदा विश्वविद्यालय का खंडहर एवं राजगीर के अलावे उदंतपुरी का भ्रमण कर जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर डॉ विनीत लाल, अमर राजपूत, अरविंद पटेल, कुमार शानू, प्रतीक राज,नागमणि, मुस्कान, यश, निधि, काजल, विकाश, साहिल राज, सुमित, कविता, निधि एवं गौरव समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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