बिहारशरीफ/ अविनाश पांडेय: इंटरमीडिएट परीक्षा शनिवार से नालंदा जिले में शुरू हो गई है। जिले भर में 41 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जहां कुल 42,357 परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हैं। परीक्षा के पहले ही दिन कई केंद्रों पर निर्धारित समय से देर से पहुंचने वाले छात्रों ने हंगामा किया। सदर एसडीओ काजले वैभव नितिन ने साइकिल से परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया।
जब वह बिहार शरीफ के एसएस गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे, तो मुख्य गेट पर ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी उन्हें पहचान नहीं सके और हटने का इशारा करने लगे। बाद में स्थिति स्पष्ट होने पर उन्हें अंदर जाने दिया गया।
केंद्रों के बाउंड्री पर लगाया स्टील शीट
प्रथम पाली के लिए प्रवेश सुबह 9:00 बजे तक ही निर्धारित था, लेकिन कई परीक्षार्थी विलंब से पहुंचे और उन्हें प्रवेश नहीं मिल सका। इसके बाद वे केंद्रों के बाहर मौजूद पुलिसकर्मियों और शिक्षकों से प्रवेश की गुहार लगाते नजर आए। कुछ छात्राएं तो पैरों में गिरकर परीक्षा में सम्मिलित होने की विनती करती दिखीं।
पिछले वर्षों में कई केंद्रों पर परीक्षार्थियों ने बाउंड्री फांदकर परीक्षा में प्रवेश किया था। इस बार ऐसे प्रयासों को रोकने के लिए कई केंद्रों की बाउंड्री पर स्टील शीट लगा दी गई है। ताकि कोई भी परीक्षार्थी बाउंड्री पार कर परीक्षा केंद्र में प्रवेश न कर सके।
लेट पहुंचने पर नहीं मिली एंट्री, छात्रों ने किया हंगामा
बिहारशरीफ के राजकीयकृत कन्या प्लस टू उच्च विद्यालय, सोहसराय में निर्धारित समय से देर से पहुंचने पर परीक्षार्थियों को एंट्री नहीं दी गई। इससे नाराज छात्राएं उग्र हो गईं और एग्जाम सेंटर के अंदर रोड़ेबाजी करने लगीं। सुबह 10 बजे के बाद एसएस बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के पास छात्राएं सड़क पर उतर आईं और प्रवेश न मिलने के विरोध में सड़क जाम कर दी।
इससे आवागमन थोड़ी देर के लिए बाधित हो गया। मौके पर पहुंचे एक स्थानीय नेता ने भीड़ को और भड़काया और बिहार सरकार तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की। जाम की सूचना पर ट्रैफिक थाना अध्यक्ष और बिहार थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और समझा-बुझाकर जाम हटवाया। ऐसा ही दृश्य किसान कॉलेज के पास भी देखने को मिला, जहां नाराज छात्राएं सड़क पर बैठ गईं।
प्रशासन सख्त, लेकिन छात्रों में नाराजगी
प्रशासन ने परीक्षा में अनुशासन बनाए रखने के लिए सख्ती दिखाई है, लेकिन छात्रों और उनके अभिभावकों में नाराजगी भी देखी जा रही है। कई परीक्षार्थियों का आरोप है कि वे समय पर पहुंचे थे, लेकिन केंद्रों के गेट समय से पहले बंद कर दिए गए। प्रशासन की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।