नालंदा: वीडियो गेम एप्स बना कर चाहता था लाखो कमाना, पैसे की खातिर खुद के अपहरण की लिख डाली स्क्रिप्ट 

नालंदा

Biharsharif/Avinash pandey: एक पिता उसे वक्त अवाक रह गए जब उनके मोबाइल पर एक कॉल आया जिसमें कॉल करने वाले ने धमकी देते हुए कहा कि तुम्हारा पुत्र सिक्कू मेरे कब्जे में है। अगर बेटे की सलामती चाहते हो तो एक लाख रुपए तैयार रखो। पैसे कब और कहां पहुंचने हैं,  इसकी जानकारी तुम्हें कल दी जाएगी। इस तरह का एक अज्ञात कॉल 3 नवंबर 2023 को नालंदा जिले के लहेरी थाना क्षेत्र अंतर्गत मथुरिया मोहल्ला निवासी नरेंद्र कुमार चौधरी के मोबाइल पर अज्ञात कॉल आया।

काॅल आने के तत्काल बाद नरेंद्र कुमार चौधरी लहेरी थानाध्यक्ष दीपक कुमार के समक्ष एक लिखित आवेदन देकर पूरी जानकारी दी।  इंस्पेक्टर सह लहेरी थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने तत्काल आईपीसी की धारा 364/A के तहत कैन’टी दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी। तकनीकी अनुसंधान के क्रम में घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबर का टावर लोकेशन प्राप्त कर अनुसंधान प्रारंभ कर दिया गया

अज्ञात अपराध कमी के द्वारा दिनांक 4 नवंबर 2023 की सुबह नरेंद्र कुमार चौधरी के फोन पर कॉल कर फिरौती की राशि नवादा जिले के रजौली घाटी में पहुंचने की बात कही और बोला कि अकेले पैसे लेकर बस पर आओ और बस का नंबर मुझे व्हाट्सएप कर दो। लहेरी थानाध्यक्ष दीपक कुमार द्वारा पूरे मामले की जानकारी वरीय अधिकारी को देते हुए अपने नेतृत्व में एक टीम का गठन कर अपहृत युवक की बरामदगी को लेकर पीड़ित के साथ सादे वर्दी में बस पर बैठ गए।

कार्ययोजना के अनुसार बैग में फिरौती के लिए उपलब्ध राशि लेकर बस में बैठे। जिनके साथ थानाध्यक्ष दीपक कुमार सहित टीम में शामिल पदाधिकारी भी सादे लिवास में निगरानी रखते हुए बस पर बैठ गये। बस जब नालंदा जिले के गिरियक थाना क्षेत्र के पावापुरी चौराहे पहुंची तो पुन: किडनैपर का फोन आया कि आप पैसे के साथ पावापुरी चौराहे पर ही उतर जाएं।

बताया गया कि पावापुरी चौराहे पर एक ब्लू रंग का डस्टबिन रखा है। उसी में राशि रख दो। लहेरी थाना अध्यक्ष अपनी टीम के साथ पावापुरी मोड पर उतरकर उक्त ब्लू रंग के डस्टबिन पर नजर जमाए रखा। करीब 1 घंटे बाद एक युवक वहां पहुंचकर डस्टबिन से पैसे निकालने लगा। जिसे पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया। यह कोई और नहीं बल्कि अपहृत सिक्कू ही था।

पूछताछ के बाद बतलाया कि उसे मोबाइल में वीडियो गेम का एप्स बनाना था जिसको बनाने में करीब 70 हजार रुपए खर्च हो रहे थे।  उक्त एप्स का प्रचार प्रसार कर यूजर्स को बढ़ाकर लाखों रुपया कमाना चाहते थे। खर्च की राशि प्राप्त करने के लिए ही मेरे द्वारा यह अपहरण का स्वांग रचा गया।

लहेरी थानाध्यक्ष ने बताया कि तथाकथित अपहृत के द्वारा इस प्रकार का स्वांग रच कर रुपया ठगी करने का प्रयास करने के लिए अलग से कांड दर्ज कर अग्रसर कार्रवाई की जा रही है। यहां गौर तलब है कि अगर सिक्कू अपने पिताजी से सीधे तौर पर पैसे के लिए रिक्वेस्ट करता तो आज हुआ इस दलदल में नहीं फंसता।

लहेरी थानाध्यक्ष दीपक कुमार कहते हैं कि मां बाप से बड़ा शुभचिंतक तक इस धरती पर अपने औलाद के लिए कोई नहीं होता है।  बच्चों को यह सोचना चाहिए कि एक पिता किस मेहनत और मजदूरी से रुपए कमा कर उनका भविष्य सुधारते हैं। ऐसे में हर एक बच्चों को चाहिए कि वह आज्ञाकारी बने  और किसी तरह की परेशानी पर सीधे तौर पर अपने मां- पिता को अवश्य बताये।