बिहारशरीफ/ अविनाश पांडेय। नालंदा जिला में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को गति देने के लिए नाईट ब्लड सर्वे अभियान मंगलवार 17 मई से शुरू हो गया। 17 मई से 19 मई तक चलने वाले इस तीन दिवसीय अभियान में जिला के 8 प्रखंडों में रात्रि 8 से 12 बजे तक सैंपल एकत्रित किये जा रहे हैं। जिला के 8 प्रखंड बिहारशरीफ, हिलसा, अस्थावां, एकंगरसराय, हरनौत, नगरनौसा, परबलपुर एवं थरथरी में रात्रि रक्त पट संचयन अभियान चलाया जा रहा है।
पहले दिन एकत्रित किये गए 1080 सैंपल।
पहले दिन यानि 17 मई को जिला में सभी चिन्हित प्रखंडों से 1080 सैंपल एकत्रित किये गये। इनमे अस्थावां प्रखंड से 154, बिहारशरीफ से 105, एकंगरसराय से 161, हरनौत से 123, नगरनौसा से 148, हिलसा से 172, परबलपुर से 105 एवं थरथरी से 112 सैंपल एकत्रित किये गये। सभी प्रखंडों में रात्रि 8 से 12 बजे तक सैंपल लेने का काम किया गया।
सभी चिन्हित प्रखंडों में अभियान के पूर्व समुदाय को किया गया जागरूक।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. राम कुमार प्रसाद ने बताया कि नाईट ब्लड सर्वे अभियान से पहले सभी चिन्हित प्रखंडों में व्यापक तौर पर जनसंपर्क अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया। इन क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक कराकर भी समुदाय को जागरूक करने का प्रयास किया गया। कुल 4000 सैंपल को एकत्रित करने का जिले में लक्ष्य है और टीम इसके लिए पूरी तरह से प्रयासरत है। सर्वे अभियान से जुड़े स्वास्थ्यकर्मियों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है ताकि वे अपना काम सटीक तरीके से संपादित कर सकें। डॉ. प्रसाद ने बताया कि पूरे नाईट ब्लड सर्वे अभियान को संचालित करने में सहयोगी संस्थाओं की भूमिका भी अहम् रही। जागरूकता, प्रशिक्षण और सर्वे के दौरान भी सहयोगी संस्थाओं का सहयोग निरंतर जारी है।
जागरूकता एवं सहभागिता से ही फ़ाइलेरिया उन्मूलन संभव
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. राम कुमार प्रसाद ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए समुदाय में जागरूकता आनी चाहिये। ससमय लक्षणों की पहचान एवं तत्काल चिकित्सीय प्रबंधन से पीड़ित व्यक्ति को लाभ मिल सकता है। इस बीमारी की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संक्रमित होने के तीन से 15 साल बाद इसकी जनकारी होती है। ऐसे में लोगों को फाइलेरिया के लक्षणों की पहचान जरूरी है। जिससे समय पर संक्रमित लोगों का इलाज शुरू हो सके। यदि ज्यादा दिनों तक बुखार रहे, पुरुष के जननांग में या महिलाओं के स्तन में दर्द या सूजन रहे और खुजली हो, हाथ-पैर में भी सूजन या दर्द रहे तो यह फाइलेरिया होने के लक्षण हैं। फाइलेरिया से संक्रमित हो जाने पर लंबे समय तक इलाज चलने और दवा की खुराक पूरी करने पर रोगी सामान्य जीवन जी सकता है। दवाई की खुराक पूरी नहीं करने पर यह रोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदायक है। सभी सरकारी अस्पताल पर डीईसी दवा नि:शुल्क उपलब्ध है जिसे 5 सालों तक साल में एक बार लेना आवश्यक है।
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