नालंदा : राजगीर के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी के विरुद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित कर विभागीय कार्रवाई के आदेश

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बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत द्वितीय अपीलीय प्राधिकार के रूप में जिलाधिकारी द्वारा मामले की सुनवाई की जाती है। जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर द्वारा आज परिवाद संख्या 1817/ 2A में राजगीर अंचल के गोरौर निवासी विष्णु महतो के द्वितीय अपील की सुनवाई की गई।

परिवादी द्वारा एक भूखंड का क्रय किया गया था तथा क्रय के उपरांत एक बार जमीन का लगान रसीद कटाया गया। उनके द्वारा दोबारा लगान रसीद नहीं काटे जाने की शिकायत की गई थी। शिकायत की सुनवाई के क्रम में ज्ञात हुआ कि परिवादी को जमीन बेचने वाले व्यक्ति के नाम से कभी भी जमाबंदी कायम नहीं थी, किंतु राजगीर के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी द्वारा परिवादी के नाम से एक बार लगान रसीद निर्गत किया गया था।

इस मामले में राजगीर के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी प्रमोद कुमार (वर्तमान में हरनौत में पदस्थापित) को दोषी मानते हुए उनके विरुद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित करते हुए विभागीय कार्रवाई के संचालन का आदेश दिया गया। एक अन्य परिवाद संख्या 0728/2A में तत्कालीन चंडी अंचल के सरथा (वर्तमान में हरनौत अंचल में शामिल) निवासी परिवादी रमाकांत शर्मा के मामले की सुनवाई में ज्ञात हुआ कि परिवादी की पत्नी वीणा देवी के नाम से दर्ज खाता खेसरा की जमाबंदी में छेड़छाड़ कर ऑनलाइन जमाबंदी राम दुलारी देवी के नाम से कायम कर दिया गया था।

यह कार्य चंडी अंचल में पदस्थापित बेल्ट्रॉन ऑपरेटर संजम सिन्हा द्वारा बगैर राजस्व कर्मचारी के रिपोर्ट एवं बगैर अंचलाधिकारी के आदेश के किया गया था। जिलाधिकारी ने इसे अत्यंत गंभीरता से लेते हुए संबंधित बेल्ट्रॉन ऑपरेटर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। इस मामले में भूमि सुधार उप समाहर्ता बिहारशरीफ को गहन जांच करने का आदेश भी दिया गया।

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