नालंदा : मरीजों को मिलेगा वीडियो कॉल के जरिये निशुल्क परामर्श व इलाज

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बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। स्वास्थ्य सुविधाओं को जमीनी स्तर पर और ज्यादा प्रभावशाली बनाने के अगले कदम के रूप में आज से जिले में टेलीमेडिसीन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ई-संजीवनी कार्यक्रम के तहत मिलने वाली निशुल्क टेलीमेडिसीन के जरिये अब घर बैठे मरीजों का न केवल इलाज होगा, बल्कि उन्हें घर पर दवा भी उपलब्ध करा दी जाएगी। जिले में इसे लेकर आज ड्राई रन का आयोजन किया जाएगा।

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार सिंह ने जानकारी देते हुये बताया कि जिलास्तर से लेकर पीएचसी व एपीएचसी स्तर तक ड्राई रन को लेकर सारी तैयारिया हो चुकी हैं। इससे जुड़े सभी चयनित दलों को निर्देश दिये जा चुके है की वो अपनी-अपनी तैनाती वाले अस्पताल में मौजूद रहेंगे। डॉक्टर ऑनलाइन तरीके से मरीज से रूबरू होंगे। मरीज की डॉक्टर से बात कराने से लेकर जांच रिपोर्ट तक दिखाने की जिम्मेदारी एएनएम की होगी। मरीज की जांच रिपोर्ट व उसके द्वारा बताई गई परेशानी व लक्षण के आधार पर डॉक्टर मरीज को दवा लिखेंगे।

आंगनवाड़ी केन्द्रों के वीएचएसएनडी सत्रों पर मिलेगी सुविधा डॉ. सिंह ने बताया, यह सेवा जिले के चयनित आंगनवाड़ी केन्द्रों पर उपलव्ध रहेगी। इसके लिए पहले से ही दिये जाने वाले वीएचएसएनडी सत्रों व सेवाओं के साथ इन अतिरिक्त चिकित्सीय सुविधाओं को जोड़ा गया है। वीएचएसएनडी सत्र स्थलों पर टेलीकंस्लटेशन के दौरान गर्भवती महिलायें, अतिकुपोषित बच्चों से जुड़े उच्च जोखिम वाले मामले आदि में रेफरल सुविधा उपलब्ध कराया जाना है।

इसके साथ ही रोगी को रेफर किये गये स्वास्थ्य संस्थान से रोगी के स्वास्थ्य की अद्यतन जानकारी को प्राप्त किया जाना है। टेलीमेडिसीन की स्वास्थ्य सुविधा लेने के लिए मरीजों को अपने नजदीकी चयनित स्वास्थ्य संस्थान पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिसके बाद वहां तैनात एएनएम द्वारा ऑनलाइन विभाग द्वारा जारी पोर्टल के माध्यम के टेलीमेडिसीन स्वास्थ्य सेवा की सुविधा दिलाई जाएगी। जिसके बाद चिकित्सा परामर्श के अनुसार एएनएम मरीजों को दवाई समेत अन्य चिकित्सा सेवा सुनिश्चित कराएंगी।

निशुल्क मिलेगी सुविधा : इस सुविधा के तहत, डॉक्टर के दवा लिखे जाने के बाद ग्रीन चैनल के जरिये मरीजों के घर तक निःशुल्क दवा पहुंचाई जाएगी। इसके अलावा एचआईवी, हेपेटाइटिस व सिफलिस व गर्भ की जांच से लेकर कोरोना का टीका भी ग्रीन चैनल के जरिये दिया जाएगा। दवा पहुंचाने की जिम्मेदारी कूरियर की होगी। दवा बच जाने पर उसे वापस भी कूरियर ही करेगा। इसे लेकर कूरियर को प्रतिदिन 100 रुपये का भुगतान भी किया जाएगा।

दूर दराज इलाकों के मरीजों को होती है सहुलियत : थरथरी प्रखण्ड की एएनएम अर्चना ने बताया, ई-टेलीमेडिसीन के माध्यम से मरीजों को काफी सहुलित से इलाज मुहैया कराया जा रहा है। इस सुविधा के माध्यम से जिले के दूर-दराज, कमजोर एवं वंचित तबकों तक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। सुदूर आवासित लोगों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आने-जाने के काफी दूरी का सफर तय करना पड़ता था, जो अब उन्हें नहीं करना पड़ेगा। इसकी सबसे खास बात यह है कि मरीज का ऑनलाइन परीक्षण करने के बाद चिकित्सकों द्वारा पीएचसी पर उपलब्ध दवाएं ही लिखी जाएंगी। साथ ही, जटिल बीमारियों के लिए दवाएं कुरियर के माध्यम से भी पहुंचाई जाएंगी। ताकि, मरीज का सफल इलाज किया जा सके।

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