नालंदा : सही पोषण बच्चों में बढ़ाए इमम्युनिटी, गंभीर रोगों से करे बचाव

बिहार बिहारशरीफ

-बार-बार बीमार होने से कुपोषित हो सकतें हैं बच्चे
बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। बदलते वक्त और मौसम के साथ हमारे इमम्युनिटी पर भी प्रभाव पड़ा है। यह असर बढ़ते बच्चों पर भी देखा जा सकता है जो कोरोना संक्रमण काल के कारण चिंताजनक भी हो सकता है। इससे बचाव और बच्चों के स्वस्थ शरीर निर्माण के लिए उचित पोषण बेहद जरूरी है। दरअसल, बच्चे को अगर शुरूआती दौर यानी बचपन से ही उचित पोषण दिया जाता है तो बच्चा आगे भी शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत रहता है और उसका रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होता है।

किन्तु, उचित पोषण के अभाव में बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर होने लगते हैं। जिसके कारण वह बार-बार बीमार होने लगते हैं। जो कुपोषित होने का शुरुआती लक्षण है। इसलिए, बच्चों के उचित पोषण का ख्याल रखना जरूरी है। अन्यथा बच्चे थोड़ी से लापरवाही के कारण कुपोषण का शिकार हो सकतें हैं। बार बार खिलाने से बेहतर सही पोषणयुक्त आहार देना करायपरशुराय प्रखण्ड के आंगनवाड़ी केंद्र सबचक की सेविका सुभद्रा कुमारी ने बताया कि आहार और उचित पोषण के अंतर को समझना जरूरी है।

बच्चे को खूब खिलाना उचित पोषण नहीं है। क्योंकि, खूब खिलाने से बच्चों का भूख तो मिट जाता है। किन्तु, उचित पोषण नहीं मिल पाता है। उचित पोषण तभी मिलेगा जब बच्चों को शरीर के अनुसार भोजन दिया जाएगा। इसके लिए बच्चों को प्रोटीन और विटामिन युक्त आहार देना चाहिए।बच्चे को शुरुआती दौर से ही उचित पोषण देने से बच्चे का ना सिर्फ शारीरिक और मानसिक विकास होती है। बल्कि, रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होता है। जिससे बच्चे का किसी भी बीमारी से लड़ने की क्षमता सामान्य लोगों के सापेक्ष अधिक मजबूत हो जाती है और बच्चा अनावश्यक बीमारी से भी दूर रहता है।

उचित पोषण का कमी ही है मोटापा का लक्षण :उचित पोषण नहीं मिलने से बच्चा शारीरिक परेशानी के अलावा मोटापा का भी शिकार हो सकते हैं। जिसके कारण वह तरह-तरह की बीमारियां के भी दायरे में आ सकता है। साथ ही कुपोषित होने का भी प्रबल संभावना बन जाती है। इस बच्चों को उचित पोषण देने के लिए हर माता-पिता को विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। ताकि बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत हो सकें।

दाल का सेवन से बच्चों को मिलता है उचित पोषण :बच्चों को पतला दाल और हरी सब्जी खिलाने से शरीर में उचित पोषण मिलता है और बच्चे के लिए यह काफी फायदेमंद होता है। इसलिए, सामान्य आहार के रूप में बच्चे को दाल और हरी सब्जी खिलाना चाहिए। इसके अलावे दूध भी देना चाहिए। साथ ही बच्चे जो फल खाना पसंद करते हैं। वह फल भी देना चाहिए।

नियमित टीकाकरण भी जरूरी : सुभद्रा ने बताया कि बच्चों को जितना जरूरी उचित पोषण देना है उतना ही जरूरी उनका सम्पूर्ण टीकाकरण भी है। ताकि उन्हें कई गंभीर रोगों से बचाया जा सके। फिलहाल जिले में मिशन इंद्रधनुष चलाया जा रहा है। जिसके अन्तरगत नियमित टीकाकरण से वंचित 2 साल आयु के बच्चो को तटीका दिलाकर उन्हे रोग के खिलाफ सुरक्षित करें।

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