नालंदा : जिले में हुआ टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट का शुभारंभ

Health नालंदा बिहार बिहारशरीफ

बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य प्राप्ति के मद्देनजर हो रहे प्रयासों के अगले कदम के रूप में बुधवार को जिले में प्रोग्रैमेटिक मैनेजमेंट ऑफ टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट (पीएमटीपीटी) योजना की शुरुआत की गयी है। इस योजना के तहत टीबी की रोकथाम के लिए न सिर्फ मुफ्त उपचार किया जाएगा, बल्कि लोगों को जागरूक कर बचाव के उपाय भी सुझाए जाएंगे।

इस संदर्भ में जिला यक्ष्मा रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि इस योजना का शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे द्वारा नालंदा सहित अन्य जिलों में एक साथ वर्चुअल प्लेटफॉर्म द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिला सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार सिंह उपस्थित थे।

google.com, pub-3161711413977012, DIRECT, f08c47fec0942fa0

प्रथम चरण में योजना से लाभान्वित अन्य जिले : डॉ. कुमार ने बताया विभाग के निर्देशानुसार प्रथम चरण में राज्य के कुल 11 जिलों को टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट योजना में शामिल किया गया है। जिनमें नालंदा, भागलपुर, समस्तीपुर, सिवान, वैशाली व गोपालगंज जिले में स्वास्थ्य विभाग कि अंतर्गत जबकि दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सारण, पूर्वी चंपारण एवं पूर्णिया में सहयोगी संस्था रिच इंडिया के सहयोग से योजना का कृयांवन किया जाएगा।

रोगी के परिवार के सदस्यों को चिन्हित कर दिया जाएगा निशुल्क ट्रीटमेंट : इस योजना के तहत टीबी रोगियों के परिवार के सदस्यों कि पहचान कर निशुल्क जांच कि जाएगी। इससे उनमें टीबी रोगाणुओं से प्रभावित होने के स्तर का पतालग सके व जरूरत होने पर ससमय उपचार किया जा सके।ताकि रोग के फैलने व गंभीर होने से पहले ही दूर किया जा सके।

जिले में पहले से ही पलमोनरी टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले 6 वर्ष से नीचे के बच्चों, एचआईवी संक्रमित बच्चों व वयस्कों के लिए आइसोनाइज्ड प्रेवेंटिव ट्रीटमेंट उपलव्ध है। साथ ही विभिन्न माध्यमों से टीबी के लक्षणों की जानकारी व इससे बचाव के उपाय के बारे में जागरुकता फैलायी जा रही है।

इस तरह के लक्षण हैं टीबी की पहचान, जरूर कराएं जांच

• भूख न लगना, कम लगना तथा वजन अचानक कम हो जाना।
• बेचैनी एवं सुस्ती रहना, सीने में दर्द का एहसास होना, थकावट व रात में पसीना आना।
• हलका बुखार रहना।
• खांसी में बलगम तथा बलगम में खून आना। कभी-कभी जोर से अचानक खांसी में खून आ जाना।
• गर्दन की लिम्फ ग्रंथियों में सूजन आ जाना तथा वहीं फोड़ा होना।
• गहरी सांस लेने में सीने में दर्द होना, कमर की हड्डी पर सूजन, घुटने में दर्द, घुटने मोड़ने में परेशानी आदि।
• महिलाओं को बुखार के साथ गर्दन जकड़ना, आंखें ऊपर को चढ़ना या बेहोशी आना ट्यूबरकुलस मेनिन्जाइटिस के लक्षण हैं।

लक्षण महसूस होते ही ऐसे मरीजों को बिना देर किए अपनी जाँच करवानी चाहिए। जिला सदर अस्पताल, सभी पीएचसी तथा जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों में मुफ्त जाँच एवं दवाई की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही ऐसे मरीजों को उचित पोषण आहार के लिए सहायता राशि भी दी जाती है।

यह भी पढ़ें…