नालंदा : सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए प्रशिक्षकों को दिया गया प्रशिक्षण

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बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर 7 जुलाई से जिले में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। इसके सफल संचालन के मद्देनजर बुधवार को जिला सदर अस्पताल स्थित सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्रखण्डवार बीएचएम, बीसीएम, एक मेडिकल ऑफिसर व एसटीएस को शामिल किया गया था।

कार्यशाला का उद्घाटन करते हुये सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने सभी प्रशिक्षकों को इस अभियान की सफलता मे पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया। डॉ. सिंह कहा अभियान से जुड़े सभी स्वास्थ्य अधिकारी इस संदर्भ मे अपनी तैयारियां जल्दी से जल्दी सुनिश्चित करें ताकि शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा किया जा सके। इस अवसर पर जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. राम कुमार प्रसाद, केयर इंडिया के मिथिलेश शर्मा, गैर संचारी रोग सलाहकार चितरंजन कुमार , रीना कुमारी व प्रशिक्षण के लिए चयनित प्रशिक्षुगण उपस्थित थे।

दवा सेवन जरूरी, खाली पेट ना खाएं दवा : प्रशिक्षण के दौरान डॉ. राम कुमार ने प्रशिक्षकों को अभियान के दौरान इस बात का खास ख्याल रखने को कहा की कोई भी लाभार्थी खाली पेट दवा का सेवन ना करने पाये। उन्होने कहा ,सभी आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्य कर्मियों की टीम घर घर जाकर कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुये एलबेंडाजोल औए डीईसी की दवा कटोरी में डालकर अपने सामने चबा कर खिलाना सुनिश्चित करें ताकि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को पूर्ण रूप से सफल करने के उद्देश्य को पूरा किया जा सके। दवा खिलाकर मकानों को चिन्हित करना सुनिश्चित करें ताकि सभी इस अभियान का पूरा लाभ उठा सकें और यदि किसी कारणवश वंचित रह जाए तो उसे मॉपअप राउंड के दौरान पुनः दवा सेवन सुनिश्चित करने में सहयोग मिल सके।

छोटे शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को ना दें इसकी खुराक : जिला संचारी रोग सलाहकार चित्तरंजन ने बताया फाइलेरिया एक गंभीर रोग है जिसे फाइलेरिया की दवा सेवन से ही बचा जा सकता है। कभी-कभी फाइलेरिया के परजीवी शरीर में होने के बाद भी इसके लक्षण सामने आने में वर्षों लग जाता है। इसलिए फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है। लेकिन, गर्भवती महिलाओं, दो साल से कम उम्र के बच्चों और किसी गंभीर रोग होने पर फाइलेरिया की दवा नहीं खिलानी है।

इसके साथ 2 से 5 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली देने का निर्देश दिया गया है।

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अभियान के तहत यह होंगे लक्षित समूह : गर्भवती महिलाओं, दो साल से कम उम्र के बच्चों एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों के अलावा सभी व्यक्ति, दो साल से पाँच साल तक के बच्चे भी फाइलेरिया दवाओं का सेवन कर सकते हैं और स्वास्थ्यकर्मी की निगरानी में ही दवा का सेवन करना है।