नालंदा : बढ़ती ठंड के साथ बढ़ी सुरक्षित प्रसव तक गर्भवतियों की ज़िम्मेदारी

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बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। पिछले दिनों हुयी बारिश के कारण ठंडी हवाओं के साथ कनकनी भी बढ़ रही है। ऐसे में ठंडजनित बीमारियों के बढ़ने की संभावना के मद्देनज़र हर किसी को विशेष सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।

खासकर गर्भवती महिलाओं को और सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल, सर्दी के मौसम में गर्भवती महिला को सर्दी-खांसी समेत अन्य ठंडजनित मौसमी बीमारी होने की अधिक संभावना रहती है। इसलिए, इससे बचाव के लिए सबसे आसान और बेहतर उपाय है सर्तक और सावधान रहना।

प्रोटीनयुक्त आहार जरूरी : सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार के अनुसार के मौसम में गर्भवती महिला को प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करना जरूरी है। उन्हें ठंडी चीजें खाने से दूर रहना चाहिए। ताकि शरीर को उचित पोषण मिल सके। जिससे ना सिर्फ गर्भवती स्वस्थ रहेगी, बल्कि गर्भस्थ शिशु भी स्वस्थ रहेंगे और सुरक्षित प्रसव को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा गर्म व ताजा खाना का ही सेवन करना चाहिए और बासी खाना से बिलकुल दूर रहना चाहिए।

सर्द हवाओं से बचाएं ताकि ठंडजनित रोगों से हो बचाव : डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को वर्तमान दौर में सर्द हवाओं से बिलकुल दूर रहना चाहिए और प्रतिदिन धूप में कुछ देर रहने की कोशिश करनी चाहिए। इससे शरीर में तापमान बढ़ेगा। जिससे गर्भवती के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु भी स्वस्थ रहेगा।

साथ ही सर्दी-खांसी समेत अन्य ठंडजनित मौसमी बीमारी से भी बचाव होगा। सर्दियों में होने वाले रक्तचाप, सर्दी-खांसी समेत अन्य संक्रामक रोग, रूखी त्वचा जैसे रोगों से गर्भवतियों को ज्यादा सावधान होना चाहिए। शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें और ऊनी कपड़े का इस्तेमाल करें। घर से बाहर कम निकलें ताकि सर्द हवा से बच सकें तथा उपयुक्त गर्म कपड़े का उपयोग करना चाहिए।

बिना चिकित्सक के सलाह कोई भी दवा ना खाएं : डॉ. कुमार ने बताया कि इस कोरोना काल में जहां हमें हर पल सावधानी की जरूरत है। सर्दी-खांसी या किसी भी सेहत जनित परेशानियों के लिए भी गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकों से जाँच कराकर ही दवाई का सेवन करना चाहिए। क्योंकि, खुद ही अपनी मर्जी से दवाई का सेवन करने पर परेशानी हो सकती है। इसलिए, चिकित्सीय परामर्श के अनुसार ही दवाई लें। ताकि किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।

साफ-सफाई का रखें विशेष ख्याल : सुरक्षित प्रसव एवं स्वस्थ शरीर निर्माण के लिए साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। खासकर गर्भवती महिलाओं को व्यक्तिगत एवं आसपास की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। साफ-सफाई एक नहीं बल्कि कई संक्रामक बीमारी से बचाव करता है।जिससे संक्रमित होने की संभावना को कम किया जा सकता है।

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इसके अलावा गर्भवतियों को तनाव से दूर रखें क्योंकि गर्भावस्था में तनाव जितना कम हो उतना माता और शिशु दोनों के लिए अच्छा है। मानसिक तनाव से मुक्त रहने के लिए भरपूर नींद बेहतर तरीका है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को इस दौरान 8 से 9 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।