नवादा : स्वर कोकिला भारत रत्न लता दीदी को कलाकारों ने दी श्रद्धांजलि

नवादा बिहार

नवादा/पंकज कुमार सिन्हा। सृजन आर्ट्स सह शकुंतला मेमोरियल म्यूजिक कॉलेज नवादा में भारत की सबसे लोकप्रिय और मूर्धन्य गायिका, स्वर कोकिला ,राष्ट्र की आवाज, भारत रत्न लता दीदी के निधन पर शोक सभा आयोजित कर कॉलेज के कलाकारों द्वारा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सभी कलाकारों ने दो मिनट का मौन रख ईश्वर से पुण्यात्मा की चीर शांति के लिए प्रार्थना किया।

संस्था के निदेशक विजय शंकर पाठक ने कहा कि आज राष्ट्र की आवाज मौन हो गया। हम सभी शोक संतप्त हैं। चाहे हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की बात हो या पार्श्व गायन की , सभी में उनका महारथ हासिल था। जिनका छः दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। अपनी जादुई आवाज से भारत ही नहीं बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया के आत्मा को झंकृत किया।

यद्यपि उनकी मधुर वाणी एवं उनके स्वर हम सबको हमेशा मोहाविष्ट करते रहेंगे। उनके नाम अनेक कीर्तिमान है। भारत सरकार के द्वारा पद्मा भूषण, पद्म विभूषण के साथ साथ संगीत की इस देवी को भारत रत्न जैसे अनेक सम्मान से अलंकृत किया गया है। देश दुनिया में पहले संगीत प्रेमियों के बीच शोक की लहर है। पार्श्व गायन में एक किंवदंती के रूप में सुप्रतिष्ठित हुई एवं सदा रहेगी।

आज भारतीय संस्कृति और स्वरों का प्रवाह थम गया। स्वर सम्राज्ञी लता दीदी के निधन से भारतीय कला जगत के साथ-साथ युवा पीढ़ी के कलाकारों संगीतकारों की अपूरणीय क्षति हुई है। लोक गायक रामशरण सिंह ने कहा कि लता दीदी के स्मृति स्वरूप आवाज को हम सब अपने भीतर अब महसूस करेंगे। उन्होंने दीदी को गहरी श्रद्धा और सम्मान से भावांजलि अर्पित किया।

संगीत प्रेमी गोपाल कुमार सिन्हा ने कहा की आदरणीय लता दीदी सभी संगीत साधुओं के लिए सदैव प्रेरणा थी और प्रेरणा स्रोत रहेगी । ना जाने कितने लोग उनको सुनकर संगीत का साधना किया। अनिल कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि जब भी लता दीदी का गीत बजाते हैं तो मुझे बहुत सुकून और शांति मिलती है । वे हमेशा सभी संगीत प्रेमियों के दिलों में राज करेगी।

पवन कुमार सिन्हा ने कहा की लता दीदी मां सरस्वती के रूप में भारत में जन्म लेकर अपने स्वरों से पूरी दुनिया को सुवासित की हैं, जिसकी महक कभी मिटने वाला नहीं है । संगीत शिक्षिका रीना कुमारी ने कहा कि लता दीदी हम लोग जैसे संगीत साधकों के संगीत गुरु के रूप में अप्रत्यक्ष रूप से स्थापित है और अनेक दशकों तक उनकी आवाज और उनकी गायकी संगीत साधकों के लिए वरदान से कम सिद्ध नहीं होगा।

उनकी महान गायकी और सुरम्य आवाज़ के दीवाने पूरी दुनिया में है।इस अवसर पर कलाकार नृत्य प्रशिक्षक पुरुषोत्तम कुमार , लक्ष्मी कुमारी , कृति उमराव , बबली , प्रियंका , समता सिंह, सौम्या कुमारी, चंदा, सीमा शर्मा, विकास, मधुमिता, कुंदन , अमन कुमार, अंजली गुप्ता इत्यादि लोग मौजूद थे।

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