नए सत्र के 20 दिन बाद भी 2.86 लाख बच्चों के पास किताबें नहीं

नवादा
  • सरकारी स्कूलों में पाठ्य सामग्री बिना ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की परिकल्पना

नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री तक सरकारी शिक्षकों से मन लगाकर पढ़ाने की बात करते रहते हैं. सरकारी विद्यालयों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए शिक्षकों को समझाते रहते हैं,लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में शिक्षक के साथ पाठ्य सामग्री का भी महत्व है यह भूल जा रहे हैं. स्थिति यह है कि नए शैक्षणिक सत्र की शुरूआत हुए 20 दिन बीत गए , लेकिन जिले में 2 लाख 86 हजार से अधिक बच्चों को अभी तक पाठ्य सामाग्री नहीं मिली है. बताया जाता है कि जिले के 1685 प्रारंभिक विद्यालयों में वर्ग 1 से 8 तक बच्चे नामांकित हैं, लेकिन 2.86 लाख बच्चों के पास किताब नहीं है.

राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ रजौली के प्रखंड अध्यक्ष अजीत कुमार बताते हैं कि रजौली के ग्रामीण व जंगली क्षेत्रों में ऐसे सैकड़ो बच्चे हैं जो स्कूल तो आते हैं, लेकिन उनके पास एक पेंसिल या कलम तक नहीं होती है. गरीबी एवं जागरूक नहीं होने की वजह से उनके अभिभावक बच्चों को स्कूल तो भेज देते हैं लेकिन उसे कॉपी कलम खरीद कर नहीं देते हैं. ऐसे बच्चों के लिए सरकारी विद्यालयों में सरकार की व्यवस्था से काफी उम्मीद होती है.

दो क्लास की पुस्तकों का वितरण, वह भी सभी को नहीं:-
शिक्षा का अधिकार के तहत 6-14 आयु के बच्चों का उम्र सापेक्ष कक्षाओं में नामांकन कर मुफ्त में शिक्षा,पाठ्य सामाग्री,पोशाक दिया जाना है. बीते 8 वर्षों तक प्रारंभिक विद्यालयों में पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को पाठ्य पुस्तक के बदले निर्धारित राशि शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों या अभिभावकों के खाते में दी गई, लेकिन ज्यादातर किताब खरीदने में रूचि नहीं लिया. जिले में वर्ग 2 एवं वर्ग 5 में नामांकित 70 प्रतिशत बच्चों को पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करायी गयी है.

पाठ्यपुस्तक के साथ डायरी देने की है बात:-
बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक पब्लिशिंग कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 से समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत वर्ग 1-8 तक की पाठ्यपुस्तकें एवं स्कूल डायरी निःशुल्क वितरण हेतु क्रमशः सभी जिलों एवं प्रखण्डों में उपलब्ध करायी जा रही है. 11 अप्रैल से पुस्तकोत्सव के रूप में इन पुस्तकों को विद्यालय में बच्चों के बीच वितरण प्रारंभ कराया जाय.

इस कार्यक्रम में अपने स्तर से जिला एवं प्रखण्ड के वरीय पदाधिकारियों एवं जन-प्रतिनिधियों तथा अन्य हितबद्धों को आमंत्रित किया जाय तथा इसका सकारात्मक प्रचार-प्रसार किया जाय. पुस्तक वितरण की गतिविधि 11 अप्रैल से प्रारंभ होगी एवं सभी कक्षाओं के सभी पुस्तकों की आपूर्ति होने तक जारी रहेगी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्देशित किया गया है कि 70 % पुस्तकें ही बीआरसी को उपलब्ध कराई जा रही है.