नवादा(रवीन्द्र नाथ भैया) जिले के वारिसलीगंज प्रखंड के पैंगरी गांव के पश्चिम-उत्तर जागीर खंधा में अचानक आग लग गई। अगलगी की घटना में ग्रामीणों का लगभग 30 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। ग्रामीण युवाओं की सूझ बूझ से वैकल्पिक व्यवस्था के तहत आग पर काबू पाया जा सका। आग लगने का कारण बिजली के खुले तारो की चिंगारी बताया गया है। ग्रामीण कुमुद प्रसाद ने बताया कि पैंगरी गांव के खेतों में गेंहू की फसल पककर पूरी तरह से तैयार हो चुकी है, कुछ कटनी दौनी भी हुई थी। अचानक आग लग जाने से किसानों के खेतों में खड़ी 30 एकड़ में लगी फसल जल गई।
आग लगने की सूचना बाद ग्रामीण युवाओं की टीम दौड़े भागे खेतों की तरफ गए और त्वरित गति से फैल रही आग पर काबू पाने का वैकल्पिक व्यवस्था का फटाफट जुगाड़ किया। इस बीच ग्रामीणों द्वारा वारिसलीगंज थाना को सूचना दी गई। सूचना बाद आग बुझाने के लिए वारिसलीगंज थाना से मिनी दमकल घटनास्थल पर पहुंचा तब तक लाखों रुपये मूल्य का गेहूं जलकर राख हो चुकी थी।
घटना में ग्रामीण किसान विनोद प्रसाद का 10 एकड़, प्रमोद प्रसाद का 2 एकड़, रजनीकांत का 2 एकड़, दिलीप कुमार का डेढ़ एकड़, नरेश प्रसाद का एक एकड़, घनश्याम प्रसाद का 2 एकड़, बिजुल चौधरी का एक एकड़, उमेश कुमार का एक एकड़, शैलेन्द्र कुमार का एक एकड़, संजय कुमार का एक एकड़, मिथिलेश प्रसाद का 0.5 एकड़ तथा टमाटर मांझी का 2 एकड़ के अलावा छोटे छोटे करीब दो दर्जन किसानों के खेतों में तैयार गेंहू की फसल जलकर रख हो गई। आगजनी की घटना में कई गरीबो के मुंह का निवाला छीन गया। ग्रामीणों ने स्थानीय एवं जिला प्रशासन से अगलगी में तबाह हुए किसानों की क्षतिपूर्ति की मांग की है। संवाद प्रेषण तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी किसानों का हाल जानने गांव नहीं पहुंचे थे।
सरकार के नियमानुसार मुआवजा दिलवाने का होगा प्रयास:-
घटना की सूचना मिलने के बाद वारिसलीगंज सीओ प्रेम कुमार ने बताया कि घटना में पीड़ित किसान अपनी भूमि के दस्तावेजों के साथ हुई क्षतिपूर्ति की मांग का आवेदन अंचल कार्यालय को देंगे, तब उचित माध्यम से जांचोपरांत आवेदन को अग्रसारित कर जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय भेजा जाएगा। पीड़ित सभी किसानों को सरकार द्वारा आपदा के तहत तय मुआवजे की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। बता दें इसके पूर्व चिरैंया गांव में आठ एकड़ जमीन में लगी गेहूं की फसल जलकर राख हो गयी थी।