नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) जिला मुख्यालय में दक्षिण भारतीय शैली में करोड़ों की लागत से बनकर तैयार हुआ गोवर्धन जिलावासियों के लिए बहुमूल्य धरोहर बन गया है। इसके साथ ही अब गोवर्धन अर्थात भगवान श्री कृष्ण का अति प्रिय \”गोकुल\” भी मंदिर परिसर में अस्तित्व में आ गया है। जी हां! गोकुल यानी गोवंश का धाम जहां भगवान कृष्ण गाय बछड़े के बीच खुद को आनंदित महसूस करते हैं। नवादा में भी गोवर्धन मंदिर प्रबंधन को सुचारू रखने के लिए ऐसा ही कुछ इंतजाम हुआ है। गोवर्धन मंदिर का निर्माण करने वाले पूर्व मंत्री राजबल्लभ प्रसाद के परिवार ने मंदिर की व्यवस्था का सफल संचालन कराने के लिए 155 दुधारू गायें दान की है।
गायों के दुग्ध उत्पादन से होने वाली आमदनी से मंदिर की व्यवस्था संचालित होगी। यानी कहें तो गोवर्धन मंदिर में स्थापित राधा कृष्ण समेत सभी देवी देवताओं का लालन पालन गौ माता के जिम्मे है। राजबल्लभ परिवार के सभी सदस्यों ने अपने अपने हिसाब से गाय दान की है। इस दान से 155 गायें हो गई है। इसके अलावा मंदिर में आए दान से भी भविष्य में गाय खरीदी जाएगी।
शास्त्रों और पुराणों में है गोदान का महत्व:-
सनातन धर्म में गाय को माता की उपाधि दी गई है। इसके लिए गाय को गौ माता कहकर पुकारा जाता है। वेदों, पुराणों एवं शास्त्रों में गाय को धन बताया गया है। उत्तर वैदिक काल में गौ माता की सेवा का वर्णन विस्तार से किया गया है। भगवान श्रीकृष्ण को गाय अतिप्रिय है। द्वापर युग में ग्वालों के साथ भगवान श्रीकृष्ण वन जाते थे। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी गाय एक धन है। इसमें माता की ममता होती है। भारत में गौ सेवा, गौ पालन और गौ रक्षा पर विशेष बल दिया जाता है। शास्त्रों में गौ दान का उल्लेख भी निहित है।
पूर्व मंत्री की मां ने दी 111 गायें:-
यज्ञ की पूर्णाहुति के दौरान पूर्व श्रम राज्यमंत्री राजबल्लभ प्रसाद और उनकी माता ललिता देवी की ओर से गोवर्धन मंदिर समिति को एक सौ ग्यारह गायें दान की । उनके भाइयों रोहिताश्व प्रसाद , बाल्मीकि प्रसाद यादव , बिनोद यादव और स्व. कृष्णा प्रसाद की धर्मपत्नी प्रमिला देवी ने ग्यारह-ग्यारह गायें समिति को भेंट की । समिति के सचिव महेंद्र यादव ने बताया कि राजबल्लभ परिवार से कुल 155 गायें प्राप्त हुई है जबकि दान में आये सभी राशियों का उपयोग भी गाय खरीदने में किया जायगा । यह गोवर्धन मंदिर की अक्षय निधि होगी। क्योंकि इसी की आमदनी से मंदिर की अर्थ व्यवस्था का संचालन किया जायेगा ।