Rabindra Nath Bhaiya: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जननायक के रूप में ख्यातिलब्ध कर्पुरी ठाकुर की जयंती राजद कार्यालय में धूम-धाम से मनाया गया। नेतृत्व राजद अध्यक्ष महेंद्र यादव ने किया। पार्टी कार्यालय में सैकड़ों राजद कार्यकर्ताओं और आमजनों ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर बिहार में सामाजिक क्रांति के नायक के रूप में उन्हें याद किया। भारतीय राजनीति में उनके प्रवेश को अवतार के रूप में चिन्हित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि दलितों पिछड़ों और अकिलियतों के लिए उनका संघर्ष इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है जिसे पढ़ कर नई पीढ़ी की चेतना जागृत होती है।
अध्यक्ष महेंद्र यादव ने कहा कि पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद कर्पूरी ठाकुर ने सेक्रेटेरियट में जातीय जकड़बंदी और अफसरशाही पर हमला करते हुए आम आदमी और छोटे कर्मचारियों के लिए वर्जित लिफ्ट के उपयोग को सर्वसुलभ कर दिया था। अति पिछड़ों के लिए आरक्षण लागू करके उन्होंने बिहार की राजनीति को नई दिशा दी। प्रधान महासचिव शशिभूषण शर्मा ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर आजादी के पहले छात्र जीवन में ही पढाई छोड़ कर देश के लिए समर्पित हो चुके थे जो जीवन के अन्तिम क्षण तक जारी रहा।
उनका कार्यकाल विरोधियों को सकते में डाल रखा था क्योंकि वंचित वर्ग के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले मिलते थे। जयंती समारोह में तौकीर शहंशाह, अवधेश कुमार, ई अर्जुन यादव, कैसर मुन्ना, बाल्मीकि यादव, राजेन्द्र यादव, सुरेन्द्र यादव, महफूज आलम, प्रह्लाद चन्द्रवंशी, रामकृष्ण राजवंशी, अलाउद्दीन उर्फ़ मच्छर, शशि कुमार शेष, ब्रजेंद्र कुशवाहा, रामबिलास यादव, तरुण राजवंशी, मेराज उद्दीन शहंशाह, माधो सिंह, बिजय यादव आदि शामिल थे। राजद कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके सपनों का बिहार बनाने का संकल्प लिया।
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