-घोस्तावां में गीला कचरा प्रोसेसिंग प्लांट उद्घाटन के इंतजार में, बनकर है तैयार
Rabindra Nath Bhaiya: जिला मुख्यालय के कचरे को शहर से दूर ले जाकर निस्तारित करने के लिए पिछले 20 सालों से प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इस बीच 20 सालों में नगर परिषद का कचरा डंपिंग यार्ड तैयार नहीं हो पाया है। पहले तो कई बार टेंडर निकालने के बावजूद कचरा पॉइंट के लिए जमीन नहीं मिली और अब जब कचरा प्लांट के लिए सरकारी जमीन मिली है तो उस पर अतिक्रमण है। सनोखरा के पास जिस जमीन को शहर के कचरा पॉइंट के लिए चिन्हित किया गया है वहां खेत खलिहान बने हैं। कहीं गेहूं लगा है तो कहीं पुआल रखा है। नगर परिषद ने कई बार प्रयास किया, लेकिन चिन्हित जमीन पर एक टब कचरा भी नहीं फेंका जा सका। यही हाल गीले कचरे के प्रोसेसिंग का भी है।
गीला कचरा को प्रोसेस कर खाद बनाने के लिए शहर से दूर घोस्तांवा में 8 यूनिट का प्लांट तैयार किया गया है लेकिन यह प्लांट भी उद्घाटन की बाट जोह रहा है। बता दें कि नवादा शहर को क्लीन बनाने के लिए प्रमुख इलाकों को नो डंपिंग जोन घोषित किया गया है, लेकिन हर दरवाजे से उठाया गया कचरा कहां रखा जाएगा इसकी अब तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। शहर के कचरा को एक जगह प्रबंधित करने के लिए 20 सालों से डंपिंग यार्ड की तलाश और कचरा निस्तारण की बात हो रही है, लेकिन कचरा निस्तारण शुरू नहीं हुआ।
12 सालों में कई बार निविदा:-
शहर का कचरा उठाकर गंदगी से मुक्ति दिलाने के लिए डम्पिंग यार्ड बनाने की तैयारी 15 – 20साल पहले से ही हो रही है। नगर परिषद ने यार्ड बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए पिछले इन 10 /12 सालों में चार पांच बार निविदा निकाली, लेकिन एक भी बार किसी ने निविदा नहीं डाला। दरसल डम्पिंग यार्ड के लिए जो मानक निर्धारित किए गए हैं, वह आसानी से पूरा नहीं हो रहा था। अब जब सारी शर्तें पूरी करने वाली जमीन मिल गई है तो इसे अतिक्रमण मुक्त कराना चुनौती है। इसके अलावे स्थानीय लोग भी अपने मोहल्ले में ही कचरा डंप कर दे रहे हैं। पुरानी गोदाम , रेलवे कलोनी, मिर्जापुर, कलाली रोड आदि स्थानों पर भी कचरों को जमा कर दिया जाता है। यहां तक कि शहर की प्रमुख सड़कें भी कचरों की डम्पिंग से अछूता नहीं है।
सनोखरा में चिन्हित हुई है 5 एकड़ जमीन:-
जिला प्रशासन द्वारा अकबरपुर प्रखंड के सनोखरा गांव के पास करीब 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराया है। जमीन चिह्नित कर नगर परिषद को मिल तो गया है, लेकिन यह जमीन भी अतिक्रमण का शिकार है। नगर परिषद और सफाई एजेंसी की टीम यहां कचरा डालने के लिए गई लेकिन अतिक्रमणकारियों ने खदेड़ दिया। फिलहाल नगर परिषद को मिली इस जमीन पर नगर परिषद का कब्जा नहीं हो पाया है। नगर परिषद ने फिर से रजौली अनुमंडल अधिकारी को जमीन पर कब्जा दिलाने को ले अनुरोध किया है। इस जमीन पर डंम्पिंग यार्ड और अलग सफाई विभाग बनाने की तैयारी है।
फिलहाल स्थिति जस की तस है और मुहल्लों से निकाला गया कचरा नदी-नाले के पास फेंका जा रहा है। 5 साल पहले से ही शहर में घर-घर से कचरा उठाने का काम शुरू हुआ है। लेकिन इन वार्डों से उठाया गया कचरा कहां रखा जाएगा, कचरों का क्या होगा? गीला कचरा से कंपोस्ट बनाने के लिए शहर से दूर घोसतांवा गांव के पास प्लांट बनाया गया है। यहां 8 यूनिट बनाए गए हैं। सब कुछ तैयार है। कुछ वैधानिक प्रक्रिया बाकी है जिसे पूरा कर इसे चालू कर दिया जाएगा। सूखा कचरा के लिए डंपिंग पॉइंट तलाशने की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
- कन्हैया कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद, नवादा: