Rabindra Nath Bhaiya: जिले में धान खरीदारी की अंतिम तिथि जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, धान की खरीदारी तेज हो रही है। पहले 50 दिनों में जहां सिर्फ 15% धान की खरीद हुई थी वही इसके 1 महीने बाद 50% से अधिक की खरीदारी हो चुकी है। मंगलवार को भी करीब ढाई सौ एमटी से अधिक धान की खरीदारी हुई। जिले में अब तक 82 हजार 457 टन धान की खरीद हो चुकी है। यह धान जिले के 11 हजार 943 किसानों ने बेचा है। अकेले मंगलवार को 243 किसानों ने 1737 एमटी धान बेचा। जबकि शुरुआती 50 दिनों में बमुश्किल हर दिन सौ पचास एमटी धान की खरीद हो रही थी। अंतिम समय में धान की इतनी तेज खरीदारी कई सवाल खड़े करता है।
जब किसानों के पास धान था तो पहले 2 महीने में क्यों नहीं आया। अगर किसानों के पास धान नहीं है तो हर दिन पैक्सों में सैकड़ों मैट्रिक टन धान कहां से आ रहा है? जिले में 15 नवंबर से पैक्सों में धान की खरीद शुरू हुई है लेकिन इसकी रफ्तार काफी धिमी रही। जिले में 10 जनवरी तक 20 प्रतिशत भी धान की खरीद नहीं हो पाई थी और इसको लेकर डीएम ने अधिकारियों और पैक्सो को फटकार लगाई थी। विलंब से लक्ष्य निर्धारण और कैश क्रेडिट में देरी की वजह से हुई देर:-अब खरीद दारी तेज हुई है। पिछले एक महीने में करीब 50 हजार एमटी की खरीद हुई है।
ए ग्रेड धान के लिए 2060 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित:-
बता दें कि सहकारिता विभाग के द्वारा इस बार धान की कीमत बढा दी गई है। विभाग ने ए ग्रेड धान के लिए 2060 रूपए प्रति क्विंटल और साधारण धान के लिए 2040 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। जबकि पिछले साल धान का समर्थन मूल्य इससे कम दर पर निर्धारित था। इस तरह से इस बार किसानों को धान की कीमत ज्यादा मिलेगी। लेकिन धान खरीददारी में देरी के चलते किसानों के धान औने-पौने दामों में बिक गए। मध्यम और छोटे किसानों को उम्मीद थी कि समय रहते सरकारी धान की सही कीमत मिल जाएगी तो आगे का काम आसानी से हो जायेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
अब बिचौलियों के धान खरीदे जा रहे:-
दरअसल पैक्स में धान की खरीदारी में तेजी इसलिए आई है क्योंकि अब पैक्स में बिचौलियों के धान का सेटिंग गेटिंग तेज हो गई हैं। सूत्र बताते हैं कि पैक्सों में अब बिचौलियों के धान बेचे जा रहे हैं। क्योंकि किसानों का धान पहले ही बिक चुका है। उनसे खरीदा गया धान अब व्यापारियों के द्वारा पैक्स में आ रहा है। सरकारी स्तर पर धान की खरीदारी लेट होने के कारण जिले में आधा से अधिक धान बाजार और बिचौलियों के हाथ लग गया। बिचैलियों ने धान को डंप कर रखा है और वे अब पैक्सों में सेटिंग कर धान को सरकारी रेट पर खपा रहे हैं। किसानों से 1500, 1600 रूपए प्रति क्विंटल धान खरीदा गया है, जबकि बिचौलिए उसे सरकारी रेट पर बेच रहे हैं। इसके लिए विभिन्न पैक्सों में सेटिंग-गेटिंग का खेल भी चल रहा है। बिचौलिए प्रति क्विंटल 400 से ₹500 की कमाई कर रहे हैं।