Nawada : अप संस्कृति को रोकने के लिए मातृ-पितृ पूजन समारोह का आयोजन

नवादा

Rabindra Nath Bhaiya: जिले के फ्रन्टलाइन पब्लिक स्कूल आनंद नगर, चातर में भारतीय संस्कृति में देवतुल्य स्थान प्राप्त हर बच्चों के जीवंत आदर्श उनके माता- पिता के प्रति श्रद्धा को प्रदर्शित करते हुए मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सैंकड़ो अभिभावकों की उपस्थिति में जब उनके बच्चों ने उनकी पूजा आरती की तो उपस्थित सभी व्यक्ति की नजरों में ममता और भावुकता के आंसू उमड़ पड़े। विद्यालय के चेयरमैन प्रो0बिजय कुमार और मुख्य अतिथि प्रो0 रतन कुमार मिश्रा ने संयुक्त रूप से फीता काटकर और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। दीप प्रज्वलन के समय कक्षा पांचवी के छात्र ऋतिक राज के कंठ से मधुर और स्पष्ट बौद्धिक मंत्रोचार ने सबको प्रभावित किया तथा सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्यालय के चेयरमैन प्रो0 बिजय कुमार ने कहा कि बच्चों को पहला संस्कार घर में मिलता है लेकिन इसके बाद स्कूल की जवाबदेही बनती है। कि उन बच्चों को अधिक से अधिक संस्कारित करें।

इसी क्रम में फ्रंटलाइन पब्लिक स्कूल के प्रांगण में मातृ-पितृ पूजन दिवस रखा गया है ताकि बच्चे अपने माता-पिता का अपने जीवन में महत्व को समझ सकें। माता-पिता का त्याग और तपस्या से ही बच्चों का विकास होता है। अपने बच्चों के गर्भ में आते ही बच्चे को स्वस्थ और सुखी रखने के लिए हर मां हर तरह दुख और तकलीफ सहते रहती है लेकिन अपने बच्चों पर कोई आंच आने नहीं देना चाहती। पिता भी अपनी जरूरतों पर ध्यान ना देकर अपने बच्चों की जरूरत पर ध्यान रखते हैं। बच्चा स्वस्थ रहे सुखी रहे और खूब पढ़े इसके लिए हर पिता अपने जीवन यात्रा को दांव पर लगाए रहता है। भले समाज में आज के जमाने में लोग पति पत्नी को ही अपना परिवार समझते हों, माता-पिता को वृद्धाश्रम में पहुंचा कर यह भी पूछते हैं कि यहां कोई दिक्कत तो नहीं है मां? अब ऐसी स्थिति किसी मां को नहीं देखना पड़े इसी को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

मुझे पूर्ण विश्वास है कि ऐसे कार्यक्रमों का असर बच्चों के साथ समाज पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ सकेगा। मां के प्रति बच्चों का नजरिया सही दिशा में होगा पिता को भी सही स्थान मिलेगा। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो0 रतन कुमार मिश्रा ने कहा कि आज सनातन धर्म में लोगों को मातृ-पितृ पूजन दिवस को मनाना अनिवार्य हो गया गया है ।आज समाज में जो विकृति उत्पन्न हुई है कि लोग पति पत्नी और अपने बच्चे को अपना परिवार समझने लगे वैसे लोगों को इस आयोजन से समझना होगा कि परिवार में पहला स्थान माता-पिता का होगा उसके बाद बाकी सब अनिवार्य है। मातृ- पितृ दिवस मनाने से यहां के बच्चे संस्कारित होंगे और यह फ्रंटलाइन विद्यालय तो हमेशा से इस तरह का आयोजन करते रहता है जिससे समाज में सुधार हो, समाज में भटकने वाले लोग सही रास्ते पर आ जाएं यह आयोजन अति सुंदर और बच्चों को संस्कारित करने वाला है। ऐसे आयोजन की सार्थकता में समाज की भलाई है।

ऐसे आयोजन की प्रशंसा होनी चाहिए इस क्षेत्र के अधिकतम लोगों को सोचना चाहिए कि अपने बच्चे का नामांकन फ्रंटलाइन पब्लिक स्कूल में कराएं और अपने बच्चे को संस्कारित रखें ताकि उनका भविष्य सुधर सके। पुरोहित की भूमिका अदा करने वाले छात्र ऋतिक राज ने विख्यात कवि “सुनील जोगी “की कविता मां की ममता गाकर सभी को सुनाया और भावविह्वल कर दिया। इसके बाद कार्यक्रम का मुख्य पड़ाव पूजन की बारी आई। छोटे-छोटे बच्चों के हाथों में पूजन की थाली लेकर अपने अपने माता-पिता का पद प्रक्षालन, फुल अर्पन ,प्रसाद अर्पित कर, परिक्रमा देखकर ऐसा लग रहा था जैसा कि मां की ममता फ्रंटलाइन पब्लिक स्कूल के प्रांगण में बरस रही है। बच्चों ने अपने अभिभावकों का पूजन परिक्रमा किया उसके बाद उपस्थित अभिभावक श्याम सुंदर सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ये एक अविस्मरणीय दिन है।

इस प्रकार का आयोजन मैंने अपने जीवन काल में पहली बार देखा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक श्रीराम शर्मा ने उपस्थित अभिभावकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम में अभिभावकों की उपस्थिति बच्चों को उत्साहवर्धन के लिए आवश्यक है। उन्होंने कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सभी शिक्षकों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में मंच संचालन प्राचार्य नवदीप कुमार सिन्हा ने किया। जबकि शिक्षक राजेश कुमार, सत्यांशु कुमार, विमलेश कुमार, टुनटुन कुमार, विश्व भूषण, सायरा फातिमा, शकुंतला कुमारी, नूतन कुमारी, अदिति प्रिया, चाहत राज, अनुपम वर्मा ,सोनम, शबनम आदि की भूमिका सराहनीय रही है।