Rabindra Nath Bhaiya: 26 जनवरी 1973 को गया से अलग कर नवादा जिला का उद्घाटन किया गया था। इस लिहाज से 2023 का साल नवादा के लिए काफी अहम है, जब नवादा अपनी स्थापना का 50 साल पूरा करेगा। हालांकि नवादा का विकास देश के बाकी जिलों जैसा नहीं हो पाया है। लिहाजा, नवादा की गणना देश के पिछड़े जिले में होती है। नीति आयोग ने 112 पिछड़े जिले में नवादा को शामिल किया है, ताकि विकसित जिले की श्रेणी में नवादा को भी खड़ा किया जा सके। कृषि, शिक्षा, स्वास्थ, कौशल विकास, पोषण जैसे महत्वपूर्ण पहलू पर माॅनिटरिंग की जा रही है। नीति आयोग की डेल्टा रैंकिंग में कृषि, स्वास्थ्य और कौशल विकास के मामले में उतरोतर विकास दर्ज की है। 2023 में विकास की रफतार तेज होने की उम्मीद की जा रही है।
रेल, सड़क, स्वास्थ, पेयजल में दर्ज होगी उपलब्धियां :
नवादा जिले में रेल, सड़क और पेयजल सुविधाएं के लिए कई योजनाएं चल रही है। गति धीमी रही है। उम्मीद की जा रही है कि 2023 में लंबित योजनाएं अपना आकार ले सकेगा। किउल-गया रेलखंड का दोहरीकरण, रजौली से गिरियक तक एनएच-20 और राजगीर-बोधगया एनएच-82 के फोरलेन का काम भी समय से पीछे चल रहा है। नये साल में इसे पूरा होने की उम्मीद की जा रही है। नवादा रेलवे गुमटी के पास जाम की समस्या से निजात के लिए रेलवे दोहरीकरण के समय से आरओबी के निर्माण की मांग होती रही है।
लेकिन सरकारी पेंच में फंसे रहने से निर्माण नही हो पाया है। 2023 में आरओबी के शिलान्यास की भी उम्मीद की जा रही है। हथिदह से नवादा के मोतनाजे तक गंगाजल पहुंच गई। राजगीर और बोधगया को आपूर्ति शुरू कर दी गई, लेकिन नवादा वंचित रह गया। मुख्यमंत्री की घोषणा से इस साल नवादा को भी गंगा जल मिलने की उम्मीद की जा रही है। नये नवादा बुधौल में 200 बेड के अस्पताल के शिलान्यास की उम्मीद की जा रही है।
नगर की कायाकल्प की उम्मीदः॒
नवादा 50 साल पूरा करनेवाला है। पर नगर में जाम, अतिक्रमण, सड़क, रोशनी, जल निकासी जैसे कई जरूरी सवाल अब भी बने हैं। नवादा नगर क्षेत्र में मुख्य तौर पर 19 सड़कें है, जिसका कायाकल्प किया जाना है। लेकिन पटना-जमुई पथ के सिवाय बाकी सड़कों का हाल बुरा है। कचरा डंप करने की समस्या गंभीर है। 30 फीसदी मुहल्ले में रोशनी की समस्या है। वैसे, समस्याओं के निदान की बात की जाती रही है। लेकिन समुचित क्रियान्वयन नही होने से शहर की स्थिति बेहद दयनीय बनी है।
टूरिज्म के क्षेत्र में विकास की उम्मीदः॒
ककोलत जलप्रपात नवादा जिले का प्रमुख पिकनीक स्पाॅट है। इसके विकास के लिए योजनाएं बनी थी। लेकिन पूरा नही हुआ। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब नया प्रस्ताव पर्यटन विभाग को भेजा गया है। ताकि ककोलत को इको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जा सके। यही नहीं फुलवरिया जलाशय और कोल महादेव को भी विकसित करने की बात होती रही है। नये साल में इन प्रस्तावों पर पहल की उम्मीद की जा रही है। नये साल में युवाओं को बड़ी उम्मीद है। स्कूलों में नये साल में रिक्त 2449 पदों पर शिक्षकों की बहाली की उम्मीद है। यही नहीं, 986 स्कूलों को हेडमास्टर मिलने के भी आसार हैं।