Nawada : सदर अस्पताल में टॉर्च की रोशनी में मरीज का किया जा रहा इलाज, एक्सरे भी बाधित

नवादा

Nawada, Rabindra Nath Bhaiya : जिले का स्वास्थ्य महकमा खुद बीमार है. सदर अस्पताल में टाॅर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के मिशन 60 में सदर अस्पताल विफल साबित हो रहा है. सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में सुधार लाने को ले मिशन 60 दिन का संकल्प लिया था लेकिन जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था के बदतर हालत की हर दिन नई तस्वीर सामने आ रही है. स्वास्थ्य महकमा हाई अलर्ट पर है लेकिन सदर अस्पताल में जेनरेटर पावर सप्लाई करने वाले आउटसोर्सिंग एजेंसी पर इसका कोई असर नहीं है. जिले के अस्पतालों में हर दिन अंधेरा छा रहा है.

एक बार फिर ऐसा ही नजारा दिखा जब बिजली गुल होने के बाद जिले के सबसे बड़े अस्पताल में अंधेरा छा गया और गंभीर रूप से घायल मरीज का इलाज टॉर्च की रोशनी में किया गया.
सदर अस्पताल में सोमवार को बिजली के अभाव में एक्सरे मशीन भी बंद रहा. जिसके कारण दूर दराज से इलाज कराने आये मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं डाक्टर मोबाइल की रोशनी में इलाज करते दिखाई दिए.दरअसल अस्पताल परिसर मे बिजली के लिए पोल लगाया जा रहा है जिसके कारण सदर अस्पताल का बिजली बाधित कर दिया गया. बिजली बाधित रहने से मरीजों का रजिस्ट्रेशन से लेकर एक्सरे एवं अन्य जांच कराने से वंचित रह गए.

मिली जानकारी के अनुसार एक्सरे संचालक को अपने स्तर से बिजली सेवा बहाल कर मरीजों का एक्सरे करना है. इसके लिए अलग जेनरेटर एवं बिजली की व्यवस्था करनी है,लेकिन यहां अस्पताल प्रशासन व एक्सरे संचालक में गठजोड़ दिखने को मिल रहा है. जिसके कारण दूर दराज से आए मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है. इस बावत अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अजय कुमार ने बताया कि अस्पताल परिसर में बिजली मेंटेनेंस का काम किया जा रहा है, जिसके कारण बिजली आपूर्ति बाधित रही.

एक्सरे संचालक के बारे में बताया कि इस संबंध में मुझे जानकारी नहीं है कि जनरेटर की व्यवस्था उसे खुद करना है. जिले के अन्य अस्पतालों में भी पावर सप्लाई देने के लिए अनुबंधित आउटसोर्सिंग एजेंसी के द्वारा जिले में बड़े पैमाने पर अनियमितता की जा रही है. डीजल बचाने के लिए अस्पताल को अंधेरे में छोड़ दिया जाता है. ऐसा तब है जब सदर अस्पताल को आपातकालीन बिजली आपूर्ति करने के लिए जेनरेटर, 25 केवी सोलर पैनल एवं इनवर्टर की व्यवस्था की गई है. लेकिन सोलर पैनल से कुछ दिन ही अस्पताल को बिजली मिली थी.

मामूली खराबी आने के कारण कई सालों से बंद पड़ा हुआ है. जनरेटर सुविधा के लिए अस्पताल प्रशासन हर महीने लाखों का बिल भरता है. बावजूद अस्पताल में बार-बार अंधेरा छा जाता है,जिसका खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. हिसुआ के उमराव बीघा गांव के गिरिजा देवी,नरहट के हजरतपुर के मो शहजाद, कौआकोल के सुशीला देवी के अलावा कई मरीजों के परिजनों ने बताया कि सुबह में इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे लेकिन बिजली का अभाव बता इलाज से बंचित किया जा रहा है.