Nawada : तापमान बढ़ने से लोगों को ठंड से राहत, पर किसानाें की बढ़ने लगी परेशानी

नवादा

-गेहूं की फसल के लिए अनुकूल नहीं है 15 डिग्री से अधिक का तापमान

Rabindra Nath Bhaiya: ठंड के पिक टाइम माने जाने वाले माघ महीने में तापमान के बढ़ने के चलते ठंड से राहत तो मिली है लेकिन किसानों की चिंता बढ़ गई है। ठंड में कमी आने से गेहूं की खेती प्रभावित होती है। जिले में 70 हजार हेक्टेयर से अधिक में गेहूं लगा है। लिहाजा लोगों की चिंता लाजमी है। आम तौर पर माघ का महीना कंपकपाती भीषण ठंड व कोहरे के लिए जाना जाता रहा है। पिछले साल भी 25 से 30 जनवरी के बीच तापमान 8 डिग्री तक पहुंच रहा था और लोग कांप रहे थे, लेकिन इस साल न्यूनतम तापमान भी 12 डिग्री पार कर गया है। धूप तीखी लग रही और रात में भी ठंड कम हो गई है। पिछले एक सप्ताह में अधिकतम तापमान में सात डिग्री और न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री का इजाफा हुआ है। गुरुवार को जिले का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री और अधिकतम तापमान 26 डिग्री अंकित किया गया। जबकि माघ में अधिकतम तापमान 20 डिग्री के ऊपर नहीं होता है।

इस मौसम में ठंड से बचने के लिए जहां ग्रामीण क्षेत्रों में बोरसी, अलाव व रजाई, कम्बल के साथ साथ हीटर का सहारा लेना पड़ता था वहीं अब रजाई बर्दाश्त नहीं हो रही है। दिन का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के करीब जबकि रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। मौसम में आया यह बदलाव जनजीवन के लिए अच्छा संकेत नहीं है, न ही फसलों के लिए अनुकूल है और न हीं ग्लोबल वार्मिंग के लिए नजरिए से बेहतर साबित होगा।

ऐसे में क्या करें:-
प्रकृति पर किसी का बस नहीं है, लेकिन इससे निपटने के लिए सतर्कता बरत सकते हैं। ठंड अधिक रहती है और ओस गिरता है तो खेत में नमी बनती है और पौधे का तेजी से विकास होता है। अभी ऐसा कम हो रहा है, तो इसकी भरपाई के लिए समय से सिंचाई जरूरी है। हर हाल में नमी बनना जरूरी है। जिस किसान का गेहूं 40/45 दिन का हो गया है वे गेहूं की दूसरी सिंचाई कर दें। मसूर के लिए कोई ज्यादा परेशानी नहीं है फिर भी कहीं कहीं से उखड़ा रोग यानी मसूर के सूखने की समस्या की जानकारी मिल रही है। ऐसे में कॉपर ऑक्सा क्लोराइड 3 ग्राम प्रति लीटर छिड़काव करें। 15 दिन बाद दूसरा छिड़काव कर दें।

कहते हैं विशेषज्ञ:-
मौसम कृषि वैज्ञानिक रोशन कुमार बताते हैं कि मौजूदा समय गेहूं के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस समय गेहूं का कला फूटता है या नहीं गेहूं के पौधे में कन्नी निकलता है। इसके लिए 10 से 12 डिग्री तापमान अनुकूल है। 15 डिग्री से अधिक का तापमान गेहूं के लिए अनुकूल नहीं माना जाता। अभी न्यूनतम तापमान 15 से नीचे है लेकिन अधिकतम तापमान काफी बढ़ चुका है। अधिकतम तापमान तो 25- 26 डिग्री तक पहुंच रहा है। इसलिए गेहूं खेती के लिए थोड़ा परेशानी भरा समय है। इस साल अब कड़ाके की ठंड के आसार नहीं दिख रहे हैं। वैसे भी 15 जनवरी के बाद सूर्य के उतरायण होते ही ठंड में कमी आनी शुरू हो गई है। एक कारण यह भी है कि अगले सप्ताह सूर्य के मकर रेखा में प्रवेश करने के बाद तपीश बढ़ने लगेगी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अब हाड़ कंपा देने वाली सर्दी नहीं लौटने वाली। जिसका असर जनजीवन के साथ फसलों पर पङना तय माना जा रहा है।

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