Rabindra Nath Bhaiya: शहरों के विस्तारीकरण के बाद जिले के सभी 4 नगर निकायों का क्षेत्र बड़ा हो गया है, लेकिन शहरों के विकास के लिए खजाना खाली हो गया है। बीते कुछ माह से विभाग की ओर से कोई बड़ा ग्रांट नहीं मिला है और ऊपर से नगर निकायों के अपने स्टांप ड्यूटी का पैसा भी नहीं मिल रहा। नवादा, हिसुआ वारसलीगंज और रजौली नगर निकाय क्षेत्र के स्टांप ड्यूटी का करोड़ों रुपए या तो निबंधन विभाग में अटका है या फिर वहां से रिलीज होकर कोषागार में अटक गया है। हालत यह है कि कहीं 10 माह से तो कहीं एक साल से स्टांप ड्यूटी का पैसा नहीं आया है।
हिसुआ नगर परिषद के विकास के लिए स्टांप ड्यूटी का 90 लाख 65 हजार रुपया तो 2 महीना पहले मुख्यालय से जिला आ चुका है लेकिन अब तक नगर परिषद को ट्रांसफर नहीं हुआ। जबकि जिला पदाधिकारी के स्तर से जनवरी माह के पहले सप्ताह में ही पैसा ट्रांसफर करने को लेकर कोषागार को निर्देश दिया जा चुका है। बावजूद अब तक हिसुआ नगर परिषद को पैसा ट्रांसफर नहीं हुआ है। कमोबेश यही हाल वारिसलीगंज नगर परिषद का भी है जहां करीब 1 साल से अधिक समय से स्टांप ड्यूटी का पैसा नहीं आया है यानी करोड़ो रुपए का बकाया है। नवादा नगर परिषद को कुछ राशि मिली है लेकिन अभी भी बहुत बकाया है।
फंड के अभाव में छोटे-बड़े काम रूके:-
दरअसल शहर के वार्डों में अभी विकास की काफी जरूरत है। विशेषकर आउटर वार्डों की नई विकसित हो रही कॉलोनियों में डेवलपमेंट वर्क की डिमांड ज्यादा है। यहां गलियां तक कच्ची हैं। लेकिन नगर परिषद के खजाना फिलहाल खाली है। शहर के विकास के लिए ग्रांट की जरूरत है, मगर सरकार से अभी ग्रांट नहीं मिल रहा। इसके लिए चलते नगर निकायों के बोर्ड और प्रशासनिक महकमा भी पेशो पेश में है। पार्षद और स्थानीय लोग स्टांप ड्यूटी की लंबित राशि को जारी किए जाने की मांग की है। शहर के प्रत्येक वार्ड के विकास के लिए रुपयों की अति आवश्यकता है, क्योंकि नगर परिषद के पास इस समय फंड नहीं है। छोटे-छोटे कामों के लिए भी नगर परिषद को परेशान होना पड़ता है।
नगर परिषद के लोगों का पैसा है स्टांप ड्यूटी:-
दरसल जब नगर परिषद शहरी क्षेत्र के किसी भी जमीन की रजिस्ट्री होती है तो उस पर निबंधन के लिए लगने वाले शुल्क के अतिरिक्त नगर निकाय के लिए विशेष तौर पर स्टांप ड्यूटी भी वसूली जाती है। राजस्व विभाग में जमा हो रही स्टांप ड्यूटी की 2% धनराशि नगर परिषद के हिस्से की होती है, जो कि नियमानुसार राजस्व विभाग को नगर परिषद को देनी होती है। इस राशि से नगर परिषद में विकास कार्य होता है। यह पैसा शहर में बसने वाले लोगों के द्वारा जमा किया जाता है तो जाहिर है कि लोगों को सुविधाएं भी मिलनी चाहिए। लेकिन यह पैसा देर तक कहीं ना कहीं अटका रहता है और इसके चलते विकास कार्य बाधित होता है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिला पदाधिकारी का निर्देश हुए एक महीने बीत जाने के बाद भी नगर परिषद को पैसा क्यों नहीं ट्रांसफर हो पाया। हिसुआ के निवर्तमान पार्षदों का कहना है कि जानबूझकर फाइल को दबाकर रखा गया है।
राशि आने पर कार्यों में तेजी आएगी:-
नगर परिषद में विकास कार्य के लिए भरसक कोशिश हो रही है। विभिन्न मदों से कई काम हो रहे हैं लेकिन फिलहाल राशि की कमी है।
सूचना मिली है कि मार्च 2022 जो जून 2022 तक का पैसा मुख्यालय से जिला में आ गया है। अब राशि आएगी तो विकास कार्यों में तेजी आएगी।
- चंद्रशेखर सिंह, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद हिसुआ:
वारिसलीगंज में चार तिमाही से नहीं आया:-
इस बावत वारिसलीगंज नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी जया ने बताया कि नगर सशक्त स्थाई समिति के सदस्यों का शपथ ग्रहण हो गया है और अब विकास कार्य शुरू होगा। कुछ मदों में थोड़ा बहुत पैसा है। स्टांप ड्यूटी की राशि तिमाही आती है। अभी 4: तिमाही का पैसा नहीं आया है।
- जया, कार्यपालक पदाधिकारी, वारसलीगंज नगर परिषद: