नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (उपभोक्ता फोरम) के अध्यक्ष राज कुमार प्रसाद एवं सदस्य डा. पूनम शर्मा व मिथिलेश कुमार ने पंजाब नेशनल बैंक के वरिसलीगंज शाखा प्रबंधक को सेवा में त्रुटी का दोषी करार दिया है। उन्हें ग्राहक सरिता देवी को 01 लाख 35 हजार रूपये भुगतान किये जाने का आदेश जारी किया है। बताया जाता है कि वारिसलीगंज निवासी सरिता देवी ने ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के वारिसलीगंज शाखा से वर्ष 2012 में डेढ लाख रूपये का कैश क्रेडिट कर्ज लिया था। वर्ष 2015 में सरिता देवी को 26600/- रूपये की आवश्यकता हुई। उन्होंने अपने पति त्रिवेणी प्रसाद राउत का 50 हजार रूपये का जीवन बीमा पॉलिसी को बैंक में जमा कर 26600/- रूपये कर्ज प्राप्त किया।
बैंक नें कर्ज की राशि उपभोक्ता को पूर्व में लिये कैश क्रेडिट के खाता में जमा कर दिया तथा उपभोक्ता को निर्देशित किया कि 26600/- रूपये का किस्त भी सरिता देवी उक्त खाता में जमा करे। बैंक के निर्देशानुसार सरिता देवी कैश क्रेडिट के खाता में रूपये जमा करती रही। बाबजूद बैंक ने सरिता देवी के द्वारा गिरमी रखे बॉड को तोड़ कर कर्ज की राशि वसूल लिया।
बांड तोड़ने के पहले कर्जदार सरिता देवी को कोई सूचना निर्गत नहीं किया गया।
बैंक के क्रियाकलापों से असंतुष्ट होकर उन्होंने आयोग में केस 51/19 दर्ज कराते हुए न्याय की गुहार लगाई। आयोग के द्वारा सूचना निर्गत किये जाने के बाद विपक्षी बैंक आयोग में उपस्थित हुये। किन्तु अपना लिखित कथन दाखिल नही किया। जबकि बीमा कम्पनी ने आयोग में अपना पक्ष रखते हुए स्वीकार किया कि बैंक के अनुरोध पर उपभोक्ता सरिता देवी के पति का बीमा पॉलिसी की राशि का भुगतान बैंक को किया है।
उभयपक्षों को सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष राज कुमार प्रसाद एवं सदस्य डा. पूनम शर्मा व मिथिलेश कुमार ने ओरियंटल बैंक से पंजाब नेशनल बैंक में मर्ज हुए विपक्षी बैंक पंजाब नेशनल बैंक को सेवा में त्रुटी का दोषी करार देते हुए एक लाख रूपये सहित 35 हजार रूपये हर्जाना के रूप मे सरिता देवी को भुगतान किये जाने का आदेश दिया है।