Nawada, Rabindra Nath Bhaiya: व्यवहार न्यायालय में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 138 वीं जंयती मनायी गई. इस दौरान जिला अधिवक्ता संघ द्वारा पहली बार राष्ट्रीय अधिवक्ता दिवस मनाया गया. जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अरूण कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन हुआ. अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने कानून की पढ़ाई के बाद भारतीय स्वाधीनता संग्राम में अपना सक्रिय योगदान दिया. उन्होंने महात्मा गांधी द्वारा आहूत नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन में अपनी प्रमुख भूमिका निभायी. ऐसे महापुरुषों के तप और बल पर आज देश आजाद है.
महासचिव संत शरण शर्मा ने देश के संविधान निर्माण में उनके योगदान का बखान किया. कहा कि वकालत जैसे पेशे को उच्चतम मानदंड देने का काम किया. संविधान सभा के निर्माण और लागू होने के बाद उन्होंने देश के राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया. वे पार्टी और व्यक्ति से ऊपर उठकर निर्णय लेने वाले व्यक्ति थे.
उनकी जंयती पर राष्ट्रीय अधिवक्ता दिवस मनाना एक गौरव का बोध कराता है. इसके पूर्व डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में अधिवक्ता गौरीशंकर प्रसाद सिंह, कृष्ण पाण्डेय, विपिन कुमार सिंह, श्यामदेव सिंह, अखिलेश नारायण, रंजीत पटेल, मनमोहन कृष्ण, करन सक्सेना, साजिद खान, नीलम परवीन, आदित्य राज, चंदन कुमार, विनय सिंह, विनय सिन्हा सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे.