- जिले के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो चुकी है, कहीं उत्साह तो कहीं अपने बच्चों को लेकर अभिभावक परेशान हैं
नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) जिले के सभी कोटि के सरकारी व निजी स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो गई। इसके लिए सभी विद्यालयों में नए बच्चों का नामांकन युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है। नामांकन सरकारी व प्राइवेट दोनों विद्यालयों में हो रही है लेकिन प्राइवेट में एडमिशन को लेकर काफी भीड़ है। जबकि सरकारी विद्यालयों में अभी गिने चुने बच्चे ही एडमिशन ले रहे हैं। पूर्व से नामांकित बच्चों के रिजल्ट तैयार करने में भी सभी शिक्षक दिनरात लगे हुए हैं। स्कूलों में उत्सव जैसा माहौल है।
कई विद्यालयों के संचालक अधिक से अधिक बच्चों को अपने अपने विद्यालय में नामांकन के लिए कई तरह के लुभावने ऑफर देने में लगे हैं। लेकिन इन सब के बीच सबसे ज्यादा अभी कोई परेशानी झेल रहे हैं तो बच्चों के माता-पिता या अभिभाभव। क्योंकि बच्चों के नई कक्षा में एडमिशन के बाद बच्चों के लिए पाठ्य पुस्तक जरूरी है और पाठ्यपुस्तक उपलब्ध कराना इतना आसान नहीं है।
बीआरसी में भी पुस्तकें उपलब्ध नहीं
शनिवार से नए सत्र की शुरुआत हो गई है। कायदे से कक्षा में प्रवेश से पूर्व सभी छात्रों के पास अपनी पाठ्य पुस्तक होनी चाहिए। लेकिन अभी किसी भी बच्चों को पाठ्य सामाग्री नहीं मिली है। शिक्षा विभाग द्वारा बीते 5 वर्षों से पाठ्यपुस्तक के बदले बच्चों के खाते में राशि दी जा रही थी ताकि पाठ्य सामग्री खरीद सके। लेकिन शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से सभी बच्चों के हाथों में पाठ्य सामग्री देने की विभागीय योजना है। परंतु अभी बीआरसी में भी पुस्तकें उपलब्ध नहीं हुई है। यहां उपलब्ध होने के उपरांत प्रधानाध्यापक के माध्यम से नामांकित बच्चों को पाठ्य सामाग्री प्रदान की जाएगी।
स्कूल संचालक किताब की लिस्ट भी नहीं देते
अभिभावक विनय कुमार सिंह कहते हैं कि संचालकों की मनमानी ने कमर तोड़ रखा है। स्थिति यह है कि स्कूल ड्रेस से लेकर कॉपी किताब तक स्कूल वाले ही बेच रहे हैं। मनमानी का आलम यह है कि स्कूल संचालक किताब की लिस्ट भी नहीं देते ताकि किसी अन्य जगह से खरीद सकें। उन्होंने बताया कि नौवीं दसवीं में एनसीईआरटी की किताब को सबसे बेहतर बताया जाता है लेकिन संचालक इसमें में भी अपने पसंद के पब्लिकेशन की पुस्तकें खरीद करवाते हैं।